RBSE Board: माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर ने 2025 में होने वाली 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को पूरी तरह से पारदर्शी बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस बार पहली बार परीक्षा के दौरान छात्रों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। सभी रेगुलर विद्यार्थियों को अपने स्कूल की निर्धारित यूनिफॉर्म पहनकर ही परीक्षा देने के लिए जाना होगा। यदि कोई छात्र निर्धारित ड्रेस कोड का पालन नहीं करता है, तो उसे परीक्षा से वंचित भी किया जा सकता है।
ड्रेस कोड लागू करने का उद्देश्य
बोर्ड ने ड्रेस कोड लागू करने का फैसला परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए लिया है। अक्सर परीक्षा केंद्रों में बाहरी लोगों की मौजूदगी और गलत साधनों के इस्तेमाल को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके अलावा, ड्रेस कोड से यह भी सुनिश्चित होगा कि परीक्षा केंद्रों पर केवल वेरफाइड छात्र ही उपस्थित हों और कोई भी अलग व्यक्ति प्रवेश न कर सके।
यूनिफॉर्म नहीं होने पर देना होगा ठोस कारण
हालांकि, यदि कोई छात्र निर्धारित ड्रेस पहनकर नहीं आता है, तो उसे परीक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा, लेकिन उसे इसके पीछे का ठोस कारण देना होगा। बिना उचित कारण के किसी भी छात्र को परीक्षा देने की पर्मिशन नहीं मिलेगी। इसके अलावा, परीक्षार्थियों को अपने एडमिट कार्ड के साथ आधार कार्ड या स्कूल आईडी जैसे फोटो पहचान पत्र लाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी निगरानी
बोर्ड परीक्षा में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी रोकने के लिए इस बार सभी परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह कैमरे न केवल परीक्षा के दौरान छात्रों और वीक्षकों की निगरानी करेंगे, बल्कि प्रश्न पत्रों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करेंगे। परीक्षा केंद्रों की रोजाना वीडियोग्राफी कराई जाएगी और परीक्षा खत्म होने के बाद भी यह रिकॉर्ड सुरक्षित रखा जाएगा।
परीक्षा केंद्रों के प्रश्न पत्र थानों में होंगे सुरक्षित
बोर्ड ने प्रश्न पत्रों की गोपनीयता और सुरक्षा के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। इस बार सभी परीक्षा केंद्रों के प्रश्न पत्रों को निकटवर्ती पुलिस थानों में सुरक्षित रखा जाएगा। प्रत्येक परीक्षा केंद्र के लिए एक एग्जामीनर नियुक्त किया गया है, जो पुलिस थाने में रखे गए प्रश्न पत्रों की निगरानी करेगा और उन्हें परीक्षा केंद्र तक सुरक्षित पहुंचाएगा।
चित्तौड़गढ़ जिले में 98 परीक्षा केंद्र तैयार
इस वर्ष चित्तौड़गढ़ जिले में कुल 98 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें कपासन क्षेत्र के धमाणा में एक नया परीक्षा केंद्र जोड़ा गया है। इस बार जिले में कुल 30,429 छात्र परीक्षा में शामिल होंगे। इनमें से 10वीं कक्षा के 17,127 और 12वीं कक्षा के 13,302 विद्यार्थी होंगे।
बोर्ड परीक्षा में निगरानी के लिए सख्त नियम
बोर्ड ने परीक्षा में अनुशासन और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए कई सख्त नियम लागू किए हैं। परीक्षा केंद्रों पर वीक्षक (इंसपेक्टर) की तैनाती इस प्रकार होगी:
- 25 छात्रों पर 1 वीक्षक
- 26 से 50 छात्रों पर 2 वीक्षक
- 51 से 75 छात्रों पर 3 वीक्षक
- 76 से 100 छात्रों पर 4 वीक्षक
इसके अलावा, बोर्ड मुख्यालय पर 1 मार्च से 5 अप्रैल तक 24 घंटे का कंट्रोल कक्ष संचालित किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को तुरंत रोका जा सके।
रोजाना होगी वीडियोग्राफी
परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए बोर्ड ने प्रश्न पत्रों की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी है। प्रश्न पत्रों को पुलिस थानों से लॉकर से निकालकर परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने और परीक्षा कक्ष में खोलने की पूरी प्रक्रिया की रिकॉर्डिंग की जाएगी। इसके अलावा, जिला स्तर पर उड़नदस्ते भी तैनात रहेंगे, जो अलग-अलग परीक्षा केंद्रों की वीडियोग्राफी करेंगे और परीक्षा प्रक्रिया पर नजर रखेंगे।
किसी भी डाउट कर्मचारी को नहीं दी जाएगी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
बोर्ड ने यह भी साफ़ किया है कि परीक्षा संचालन में किसी भी डाउट वाले अधिकारी, कर्मचारी या शिक्षक को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी। मूल्यांकन को एक गंभीर कार्य मानते हुए परीक्षा परिणामों की समय पर घोषणा के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे।
परीक्षा में गलत चीजों पर होगी सख्त कार्रवाई
बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने और अनुचित साधनों के इस्तेमाल को पूरी तरह से बंद करने के लिए बोर्ड ने इस बार विशेष सावधानी बरती है। किसी भी प्रकार की गलत ऐक्टिविटी में पाए जाने वाले छात्र या परीक्षा केंद्र के कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।