Haryana Railway Line: हरियाणा में परिवहन और औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए एक बड़ी परियोजना पर काम शुरू हो चुका है। पलवल से सोनीपत तक एक 121 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना के तहत किया जा रहा है। यह कॉरिडोर राज्य में यातायात को सुगम बनाएगा और औद्योगिक विकास को गति देगा।
कॉरिडोर का मुख्य उद्देश्य
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रेलवे नेटवर्क पर दबाव को कम करना और माल परिवहन को अधिक सुविधाजनक बनाना है। इस परियोजना से न केवल यात्री ट्रेनों की भीड़ कम होगी, बल्कि मालवाहक ट्रेनों को वैकल्पिक मार्ग मिलेगा जिससे औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
निर्माण कार्य की वर्तमान कन्डिशन
परियोजना के निर्माण कार्य की शुरुआत फरवरी 2025 में की गई थी। सबसे पहले भूमि अधिग्रहण और आधारभूत ढांचे की तैयारियों पर ध्यान दिया गया। फर्रुखनगर टोल प्लाजा के पास इस परियोजना का भौतिक कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
किन जिलों को मिलेगा लाभ?
यह कॉरिडोर पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत जिलों को जोड़ेगा। इन क्षेत्रों में रेलवे नेटवर्क की पहुंच पहले सीमित थी, लेकिन इस नई रेल लाइन से इन जिलों को देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों से जोड़ा जाएगा।
रेलवे कॉरिडोर परियोजना के चरण
1. भूमि अधिग्रहण (2023-2024)
- इस परियोजना के तहत 67 गांवों से लगभग 665.92 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की गई।
- प्रभावित किसानों को सही मुआवजा दिया गया।
2. आधारभूत निर्माण कार्य (2025-2026)
- रेलवे पटरियों का निर्माण शुरू होगा।
- पुल, सुरंग और रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे।
- प्रमुख औद्योगिक केंद्रों से रेलवे नेटवर्क को जोड़ा जाएगा।
3. ट्रैक इलेक्ट्रिफिकेशन और टेस्ट रन (2027-2028)
- रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया जाएगा।
- ट्रेनों की जांच प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
- कॉरिडोर को पूरी तरह से चालू किया जाएगा।
पलवल को कैसे मिलेगा फायदा?
इस परियोजना में पलवल एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा। इस रेलवे लाइन से पलवल के औद्योगिक और व्यापारिक केंद्रों को दिल्ली, गुरुग्राम और सोनीपत से बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। इसके अलावा, न्यू पलवल स्टेशन का निर्माण किया जाएगा, जिससे शहर के विस्तार और विकास में तेजी आएगी।
बेहतर रेल कनेक्शन से होंगे ये फायदे
- दिल्ली-एनसीआर से कनेक्टिविटी आसान होगी।
- मालवाहक ट्रेनों का संचालन बढ़ेगा, जिससे उद्योगों को फायदा होगा।
- यातायात दबाव कम होगा, जिससे ट्रेनों में भीड़ कम होगी।
आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
- औद्योगिक निवेश में बढ़ोतरी होगी।
- स्थानीय व्यापार और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर के प्रमुख गुण
- 121 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, जो कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के समानांतर चलेगी।
- 15 नए रेलवे स्टेशन, जिनमें न्यू पलवल, सोहना, मानेसर और खरखौदा शामिल हैं।
- 160 किमी/घंटा की अधिकतम गति पर ट्रेनें चलेंगी।
- 5 करोड़ टन दैनिक माल ढुलाई कपैसिटी होगी।
कॉरिडोर पर होगी हवाई पट्टी की सुविधा
आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की तर्ज पर इस रेलवे कॉरिडोर पर आपातकालीन परिस्थितियों में हवाई पट्टी की सुविधा दी जाएगी। इससे भारतीय वायुसेना को खास परिस्थितियों में आपातकालीन लैंडिंग की सुविधा मिलेगी।