Free Electricity: हिमाचल प्रदेश में बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति पिछले कुछ समय से गंभीर बनी हुई है। घाटे में चल रहे बिजली बोर्ड को उबारने के लिए सरकार ने कई कड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद अपने पांच बिजली मीटरों पर सब्सिडी छोड़ने का ऐलान किया, जिसके बाद अन्य मंत्रियों ने भी इस पहल का समर्थन करते हुए सब्सिडी छोड़ने की घोषणा कर दी।
जनवरी से राजपत्रित अधिकारियों की बिजली सब्सिडी खत्म
प्रदेश सरकार ने 1 जनवरी 2024 से राजपत्रित अधिकारियों को बिजली टैरिफ पर दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। इसके अलावा, पहले जिन कर्मचारियों को 125 यूनिट तक फ्री बिजली मिलती थी, वह सुविधा भी समाप्त कर दी गई है। इस फैसले का असर उन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर पड़ेगा, जो सरकारी सब्सिडी का लाभ ले रहे थे।
फरवरी महीने से बिना सब्सिडी वाले बिल होंगे जारी
सरकार के इस फैसले के तहत फरवरी 2024 से उन उपभोक्ताओं को बिना सब्सिडी वाले बिजली बिल जारी किए जाएंगे, जिनकी सब्सिडी समाप्त कर दी गई है। हालांकि, बिजली बोर्ड के पास अभी तक इसका पूरा डाटा नहीं है कि कितने उपभोक्ता इस बदलाव से प्रभावित होंगे। इसके लिए सरकारी विभागों से आंकड़े मांगे गए हैं, लेकिन कई विभागों से जानकारी अभी तक नहीं मिली है।
कितने उपभोक्ताओं ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ी?
बिजली बोर्ड के अनुसार, अब तक 1,000 से ज्यादा उपभोक्ताओं ने मुख्यमंत्री की अपील के बाद स्वेच्छा से बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ दी है। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अब उपभोक्ताओं को केवल एक ही मीटर पर 125 यूनिट तक की फ्री बिजली मिलेगी।
बिजली मीटरों की ई-केवाईसी अनिवार्य
बिजली बिलिंग प्रक्रिया को पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाने के लिए सरकार ने सभी बिजली मीटरों की ई-केवाईसी (e-KYC) अनिवार्य कर दी है। सरकार ने 15 फरवरी तक का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद सभी बिजली मीटरों का वेरफाइ कर लिया जाएगा।
ई-केवाईसी पूरी होने के बाद:
- बिजली बोर्ड के पास सभी उपभोक्ताओं का सटीक डेटा होगा।
- पता लगाया जाएगा कि किसी उपभोक्ता के नाम पर कितने मीटर रजिस्टर हैं।
- ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के अलावा अन्य उपभोक्ताओं को केवल एक मीटर पर 125 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी।
- अन्य मीटरों पर बिना सब्सिडी वाले बिल जारी होंगे।
इनको नहीं मिलेगी 125 यूनिट फ्री बिजली
अगर कोई उपभोक्ता 15 फरवरी तक ई-केवाईसी नहीं करवाता है, तो उसे 125 यूनिट तक की मुफ्त बिजली भी नहीं दी जाएगी। बिजली बोर्ड के अधिकारियों ने क्लियर किया है कि ई-केवाईसी पूरा होने के बाद ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को यह सुविधा मिलेगी।
अब आर्मी अधिकारियों को भी नहीं मिलेगी सब्सिडी
प्रदेश सरकार ने मिलिट्री और पैरामिलिट्री अधिकारियों की बिजली सब्सिडी भी समाप्त कर दी है। इससे शिमला और प्रदेश के अन्य हिस्सों में रह रहे सेना के अधिकारियों को अब सरकारी आवास में लगे मीटरों पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। इन अधिकारियों को भी फरवरी से बिना सब्सिडी वाले बिजली बिल चुकाने होंगे।
इन सरकारी कर्मचारियों को भी नहीं मिलेगी सब्सिडी
सरकार ने ग्रुप-ए और ग्रुप-बी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की बिजली सब्सिडी भी खत्म कर दी है। इसके अलावा, केंद्र सरकार के बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय और सार्वजनिक उपक्रमों के ग्रुप-ए और ग्रुप-बी कर्मचारियों को भी सब्सिडी नहीं दी जाएगी।
यही नियम हिमाचल में तैनात सैन्य और अर्धसैनिक बलों के ग्रुप-ए और ग्रुप-बी अधिकारियों पर भी लागू होगा। इन सभी अधिकारियों को अब बिना सब्सिडी वाले बिजली बिलों का भुगतान करना होगा।
सरकार का क्या कहना है?
सरकार का कहना है कि बिजली बोर्ड को आर्थिक संकट से निकालने के लिए ये फैसले जरूरी हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “हिमाचल प्रदेश सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बिजली की सब्सिडी जरूरतमंदों तक पहुंचे। अमीर और उच्च पदस्थ लोगों को सब्सिडी देने का कोई तुक नहीं है।”
सरकार के इस फैसले से ये लाभ होंगे:
- बिजली बोर्ड का घाटा कम होगा।
- जो उपभोक्ता वास्तव में जरूरतमंद हैं, उन्हें ही सब्सिडी मिलेगी।
- सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार कम होगा।
आम जनता पर क्या असर पड़ेगा?
इस फैसले का सीधा असर सरकारी अधिकारियों, मिलिट्री अधिकारियों और पेंशनभोगियों पर पड़ेगा, जिन्हें अब बिजली पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। हालांकि, आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं को एक मीटर पर 125 यूनिट फ्री बिजली मिलती रहेगी।