Uttar Pradesh New Railway Line: उत्तर प्रदेश में परिवहन और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लगातार नई परियोजनाओं पर काम कर रही है। इसी क्रम में बहराइच-उतरौला-खलीलाबाद रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी गई है, जिससे न केवल यात्रियों को सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। 240 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन का निर्माण उत्तर प्रदेश के पूर्वी और मध्य क्षेत्रों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगा।
रेलवे लाइन निर्माण का पहला कदम
बहराइच-उतरौला-खलीलाबाद रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। बहराइच में भूमि अधिग्रहण को लेकर गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, जबकि बलरामपुर में अभी इस संबंध में कोई आदेश नहीं आया है। प्रशासन की ओर से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिश की जा रही है ताकि जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू हो सके।
सरकार इस रेलवे परियोजना के लिए किसानों से उचित मुआवजा देने की प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से पूरा करना चाहती है, ताकि किसी भी प्रकार का विरोध न हो और परियोजना समय पर पूरी हो सके।
यात्रियों और व्यापारियों को होगा बड़ा फायदा
इस नई रेलवे लाइन से यात्रियों के आवागमन में सुविधा तो होगी ही, साथ ही व्यावसायिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। व्यापारियों को अपने सामान को अन्य जिलों और राज्यों तक ले जाने में आसानी होगी। इससे स्थानीय कारोबारियों और किसानों को भी सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि उनके उत्पाद तेजी से बड़े बाजारों तक पहुंच सकेंगे।
इसके अलावा, रेलवे नेटवर्क के विस्तार से पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। श्रावस्ती और बलरामपुर जैसे धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों तक पहुंच आसान हो जाएगी, जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा।
बहराइच-खलीलाबाद रेलवे लाइन
इस रेलवे परियोजना के तहत बहराइच से खलीलाबाद तक 32 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें से छह नए स्टेशन बनाए जाएंगे। बहराइच और श्रावस्ती जिले में कुल 10 नए रेलवे स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। प्रमुख रेलवे स्टेशनों की सूची इस प्रकार है:
- श्रावस्ती
- इकौना
- बहराइच
- अजतापुर
- धुसवा
- बड़ेरा
- हरिहरपुर रानी
- भिनगा
- विष्णुपुर
- रामनगर
- लक्ष्मणपुर गोरपुरवा
इसके अलावा, बलरामपुर विकास खंड में पहला हाल्ट स्टेशन हंसुवाडोल गांव में प्रस्तावित है। इस रेलवे लाइन को झारखंडी रेलवे स्टेशन पर गोंडा-गोरखपुर रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा, जिससे गोरखपुर, लखनऊ और अन्य प्रमुख शहरों तक रेल कनेक्शन सुगम हो जाएगा।
बलरामपुर स्टेशन से उतरौला तक लिंक
सरकार इस रेलवे लाइन का विस्तार भगवतीगंज के बलरामपुर स्टेशन से उतरौला तक करने की योजना बना रही है। इससे उत्तर प्रदेश के कई पिछड़े और कम विकसित क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा, जिससे इन इलाकों में विकास की संभावनाएं बढ़ेंगी।
यह रेलवे लाइन विशेष रूप से उन जिलों के लिए महत्वपूर्ण होगी, जहां अभी तक रेलवे सुविधा सीमित है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलेगी।
2014 में शुरू हुई थी योजना
बहराइच-उतरौला-खलीलाबाद रेलवे लाइन की योजना पहली बार 2014 में सर्वे के दौरान प्रस्तावित की गई थी। इस परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 2024-25 के बजट में 620 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
इसमें बहराइच-श्रावस्ती-बलरामपुर के लिए 80 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के निर्माण के लिए स्पेशल फंड आवंटित किया गया है। यह बजट भूमि अधिग्रहण, ट्रैक बिछाने और अन्य निर्माण कार्यों पर खर्च किया जाएगा।
परियोजना से जुड़े लाभ
इस रेलवे परियोजना से उत्तर प्रदेश को कई तरह के फायदे होंगे:
- यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी: लोगों को लंबी दूरी तय करने के लिए सड़क मार्ग पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा, जिससे यात्रा समय कम होगा।
- व्यापारियों को व्यापार बढ़ाने में आसानी होगी: व्यापारिक माल ढुलाई में रेलवे की भूमिका अहम होती है, जिससे बाजारों तक उत्पाद तेजी से पहुंच सकेंगे।
- रोजगार के नए अवसर बनेंगे: रेलवे लाइन के निर्माण से कई लोगों को अस्थायी और स्थायी रोजगार मिलेगा।
- पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा: श्रावस्ती और बलरामपुर जैसे धार्मिक स्थलों की कनेक्टिविटी बेहतर होगी, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
- ग्रामीण इलाकों का विकास होगा: नई रेलवे लाइन से दूरदराज के इलाकों को मुख्य शहरों से जोड़ा जाएगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।