Petrol Diesel Rate: वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, जिसका सीधा असर स्थानीय बाजार पर पड़ रहा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल के दाम कभी बढ़ते हैं तो कभी घटते हैं, जिससे भारत में पेट्रोल-डीजल के रेट भी प्रभावित होते हैं. आम जनता इस बदलाव से चिंतित है और सरकार से उम्मीद कर रही है कि पेट्रोल और डीजल के दाम में राहत दी जाएगी.
पेट्रोल के दाम में संभावित कटौती
सूत्रों के अनुसार 1 मार्च 2025 से पेट्रोल के दाम (petrol price reduction in March 2025) में 4 से 4.50 रुपए तक की कटौती हो सकती है, जिससे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी. हालांकि, डीजल की कीमत में 1 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है. कहा जा रहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय (Ministry of Petroleum decision on fuel price) ने इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया है, और सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद नए रेट लागू कर दिए जाएंगे.
महंगाई पर पड़ेगा असर, घरेलू बजट को मिलेगी राहत
पेट्रोल के दाम घटने से ट्रांसपोर्टेशन (transportation cost impact on inflation) की लागत में कमी आएगी, जिससे रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम में भी गिरावट देखने को मिल सकती है. यह खासकर मध्यम और निम्न-मध्यम वर्ग के लिए राहत की खबर होगी, क्योंकि पेट्रोल निजी वाहनों, मोटरसाइकिलों और ऑटो रिक्शा के लिए एक आवश्यक ईंधन है. इसके दाम में कटौती होने से आम लोगों के घरेलू बजट (household expenses due to fuel prices) पर सकारात्मक असर पड़ेगा.
पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल के मौजूदा दाम
अगर पड़ोसी देश पाकिस्तान में ईंधन कीमतों (fuel price comparison India Pakistan) की बात करें, तो वहां एक्स-डिपो पेट्रोल की कीमत 256.13 रुपए प्रति लीटर और हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी) 263.95 रुपए प्रति लीटर के भाव मिल रहा है. वहीं, केरोसिन की आधिकारिक कीमत 171.65 रुपए प्रति लीटर है, लेकिन आपूर्ति की कमी के कारण कई क्षेत्रों में यह 300 से 350 रुपए प्रति लीटर तक बेचा जा रहा है.
सरकार द्वारा वसूला जाने वाला टैक्स और शुल्क
भारत में सरकार पेट्रोल और डीजल पर कर वसूलती है जिसमें पेट्रोल पर करीब 76 रुपए प्रति लीटर कर शामिल है. इसमें 60 रुपए प्रति लीटर का पेट्रोलियम विकास शुल्क भी शामिल है. वहीं, सामान्य बिक्री कर (जीएसटी) को शून्य रखा गया है, लेकिन दोनों ईंधनों पर 16 रुपए प्रति लीटर का अतिरिक्त सीमा शुल्क लगाया जाता है, चाहे वह स्थानीय स्तर पर उत्पादित हो या आयात किया गया हो.
पेट्रोल-डीजल के दाम में बदलाव से अर्थव्यवस्था पर असर
ईंधन के दाम में बढ़ोतरी या कमी का सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था (impact of fuel price on economy) पर पड़ता है. जब पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ते हैं, तो ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ने से जरूरी वस्तुओं के दाम भी बढ़ते हैं, जिससे आम जनता को महंगाई का सामना करना पड़ता है. वहीं, अगर पेट्रोल के दाम घटते हैं, तो सामान की ढुलाई सस्ती होती है, जिससे महंगाई दर कम होने की संभावना होती है.
सरकार की योजना
सरकार ने हाल ही में संकेत दिए हैं कि वह पेट्रोल-डीजल पर राहत (fuel price relief by Indian government) देने की योजना बना रही है. इसके तहत कर ढांचे में बदलाव लाने और ईंधन की कीमतों को स्थिर रखने पर विचार किया जा रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार ईंधन के करों में कटौती करती है, तो इससे आम जनता को राहत मिल सकती है.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव का आम जनता पर असर
ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव से खासकर मध्यम वर्गीय परिवारों (middle class impact due to fuel prices) पर असर पड़ता है. जब पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते हैं, तो उनका मासिक बजट बिगड़ जाता है. वहीं, जब दाम कम होते हैं, तो उन्हें थोड़ी राहत मिलती है. इसी कारण से लोग सरकार से ईंधन की कीमतों में स्थिरता की मांग कर रहे हैं.