Liquor Shops Banned: मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल 2025 से शराब नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए जा रहे हैं। इनमें एक ओर जहां ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खोलने की पर्मिशन दी जा रही है, वहीं 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी। इस नीति का उद्देश्य नशे की लत को नियंत्रित करना और धार्मिक व सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण शहरों को शराब मुक्त बनाना है।
लो अल्कोहलिक बेवरेज बार
नई नीति के तहत पहली बार ‘लो अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खोलने की पर्मिशन दी गई है। इन बारों में सिर्फ बीयर, वाइन और ‘रेडी-टू-ड्रिंक’ ड्रिंक्स परोसी जाएंगी, जिनमें अल्कोहल की मात्रा 10 प्रतिशत वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) से कम होगी। इन स्थानों पर व्हिस्की, रम, वोडका और अन्य हार्ड ड्रिंक्स पूरी तरह बैन रहेंगी।
बारों की संख्या में होगा इजाफा
वर्तमान में मध्य प्रदेश में लगभग 460 से 470 बार संचालित हो रहे हैं। नए बार खुलने के बाद यह संख्या तेजी से बढ़ सकती है। सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से लिमिट में अल्कोहल का सेवन करने वालों को एक कंट्रोल वातावरण मिलेगा और शराबखोरी पर लगाम लगेगी।
19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर पूरी तरह बैन
सरकार ने धार्मिक महत्व वाले 17 शहरों समेत कुल 19 स्थानों पर शराब की बिक्री बंद करने का फैसला लिया है। इस फैसले के तहत इन स्थानों पर मौजूद कुल 47 शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। जिन शहरों में शराब की बिक्री बंद होगी, उनमें शामिल हैं:
- उज्जैन
- ओंकारेश्वर
- महेश्वर
- मंडलेश्वर
- ओरछा
- मैहर
- चित्रकूट
- दतिया
- अमरकंटक
- सलकनपुर
राज्य को होगा 450 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान
शराबबंदी के कारण मध्य प्रदेश सरकार को लगभग 450 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह फ़सील सामाजिक हित को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया है और इससे लंबे टाइम के लिए पाज़िटिव असर देखने को मिलेगा।
क्या लोग दूसरे शहरों से शराब ला सकेंगे?
जहां शराब की बिक्री बंद होगी, वहां लोग दूसरे शहरों से शराब लाकर पी सकते हैं। लेकिन सरकार ने इस पर पूरी तरह से रोक लगाने के लिए बिहार मद्य निषेध अधिनियम 2016 जैसे सख्त कानून की जरूरत जताई है।
बिहार और गुजरात की शराबबंदी से तुलना
बिहार और गुजरात में पूरी तरह से शराबबंदी लागू है, लेकिन मध्य प्रदेश में यह केवल कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही लागू की गई है। अभी राज्य में केवल आबकारी अधिनियम लागू है, जबकि पूर्ण शराबबंदी के लिए सरकार को एक अलग कानून लाने की जरूरत होगी।
क्या शराब पॉलिसी से राज्य में बदलाव आएंगे?
इस नई शराब नीति से राज्य में सामाजिक और आर्थिक दोनों लेवल पर असर पड़ सकता है। धार्मिक स्थलों के आसपास शांति बनी रहेगी, जबकि कंट्रोल अल्कोहल खपत के कारण अपराध दर में भी कमी आने की संभावना है। हालांकि, यह देखना होगा कि नए लो अल्कोहलिक बेवरेज बार लोगों को कितना आकर्षित कर पाते हैं और सरकार इस नीति को कितनी सख्ती से लागू करती है।