UP Railway Line: उत्तर प्रदेश सरकार रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसी कड़ी में राज्य में 61 किलोमीटर लंबा नया रेलवे ट्रैक बिछाने की योजना बनाई गई है। इस नए ट्रैक के बनने से यात्रियों को बेहतर, सुविधाजनक और तेज़ सफर का लाभ मिलेगा।
जेवर एयरपोर्ट
नोएडा के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को आधुनिक और वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत कई नए तकनीकी और बुनियादी ढांचे के विकास कार्य जारी हैं। इसे देश के सबसे आधुनिक हवाईअड्डों में शामिल करने की योजना बनाई जा रही है।
11 किलोमीटर लंबी सुरंग का प्रस्ताव क्यों?
जेवर एयरपोर्ट के नीचे से 11 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने की योजना प्रस्तावित थी। इस सुरंग के बनने से एयरपोर्ट को देश के तीन प्रमुख महानगरों – दिल्ली, मुंबई और चेन्नई से सीधे जोड़ने की योजना थी।
NIAL ने सुरंग को असुरक्षित बताया
हालांकि, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) ने इस सुरंग निर्माण को तकनीकी रूप से असुरक्षित और महंगा बताया है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सुरंग बनाने से एयरपोर्ट के आसपास की मिट्टी कमजोर हो सकती है, जिससे निर्माण कार्य और भविष्य के विस्तार में समस्याएं आ सकती हैं।
एयरपोर्ट तक रेलवे कनेक्टिविटी कैसे सुनिश्चित होगी?
सुरंग निर्माण की योजना के निरस्त होने के बावजूद, एयरपोर्ट को रेलवे से जोड़ने की योजना पर कार्य जारी रहेगा। बुलंदशहर के चोला से पलवल जिले के रूंधी तक 61 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बनाया जाएगा, जिससे एयरपोर्ट तक ट्रेनों की सीधी पहुंच होगी। इस ट्रैक के निर्माण के बाद हावड़ा, चेन्नई और मुंबई से आने वाली ट्रेनों को जेवर एयरपोर्ट तक सीधे पहुंचाया जा सकेगा।
सुरंग की जरूरत क्यों पड़ी थी?
वास्तव में, सरकार ने 11 किलोमीटर लंबी अंडरग्राउंड सुरंग बनाकर रेलवे ट्रैक को सीधे एयरपोर्ट के ग्राउंड ट्रांसपोर्ट सेंटर तक ले जाने की योजना बनाई थी। इससे यात्रियों को एयरपोर्ट टर्मिनल से बाहर निकले बिना ही सीधे ट्रेन सुविधा मिल सकती थी। हालांकि, अब इस प्रोजेक्ट को अत्यधिक महंगा और असुरक्षित बताया जा रहा है।
एयरपोर्ट के विस्तार में बाधा
NIAL के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि रेलवे ट्रैक को एयरपोर्ट की खाली जगह के नीचे लाने के लिए सुरंग बनाने का प्रस्ताव था। लेकिन इस सुरंग की वजह से एयरपोर्ट के भविष्य के विस्तार में बाधा आ सकती थी, जिससे इसे बदला जा रहा है।
रेलवे ट्रैक के लिए नया स्थान प्रस्तावित
NIAL के अधिकारियों ने हाल ही में हुई बैठक में रेलवे ट्रैक और स्टेशन को एयरपोर्ट के पूर्वी कैंपस के निकट बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसके साथ ही, उत्तर-मध्य रेलवे को इस परियोजना के लिए एक पुनर्गठित योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
मल्टी-मॉडल कार्गो हब की योजना
बैठक में यह भी सुझाव दिया गया कि मल्टी-मॉडल कार्गो हब को सड़क मार्ग से जोड़ा जाए और एयरपोर्ट तथा रेलवे स्टेशन के बीच शटल सेवाएं शुरू की जाएं। इससे यात्रियों और कार्गो संचालन को आसान बनाया जा सकेगा।
जेवर एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा हवाईअड्डा बनने की राह पर
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े एयरपोर्ट्स के मुकाबले और भी उन्नत बनाया जा रहा है। यह एयरपोर्ट दुनिया की प्रमुख एयरलाइंस और व्यापारिक संगठनों के लिए एक प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
रेलवे प्रोजेक्ट का फायदा
- तेज और सुगम यात्रा – रेलवे ट्रैक से जेवर एयरपोर्ट तक सीधी ट्रेन सेवा यात्रियों के लिए बहुत सुविधाजनक होगी।
- बिजली और समय की बचत – ट्रेन सेवाओं से सड़क परिवहन पर निर्भरता घटेगी, जिससे समय और ऊर्जा की बचत होगी।
- राज्य के आर्थिक विकास को गति – जेवर एयरपोर्ट और रेलवे ट्रैक के विकास से उत्तर प्रदेश के आर्थिक ढांचे को मजबूती मिलेगी।