Cow Farming: सौराष्ट्र में पशुपालन का व्यापार तेजी से बढ़ रहा है, जिससे क्षेत्र के कई पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है. इस क्षेत्र में पशुपालन को अपनाकर लोग महीने भर में अच्छी खासी आमदनी अर्जित कर रहे हैं. पशुपालन विभाग द्वारा भी कई प्रकार की सहायता और योजनाएं प्रदान की जा रही हैं, जिससे पशुपालक इन योजनाओं का लाभ उठाकर अपने पशुपालन के व्यवसाय को और भी विस्तार दे पा रहे हैं.
गिर गाय
भावनगर जिले के वल्लभीपुर में रहने वाले पशुपालक भोलूभाई चावड़ा के पास गिर गाय (Gir cow), एक उच्च क्वालिटी की नस्ल की गाय है जो कि रोजाना 18 लीटर दूध देने की क्षमता रखती है. इस गाय की वजह से वे एक स्थायी और लाभदायक आमदनी सुनिश्चित कर पा रहे हैं. इस नस्ल की गाय न केवल दूध के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसकी सहनशीलता और अनुकूलन क्षमता भी इसे अन्य नस्लों से अलग करती है.
दूध उत्पादन और आर्थिक लाभ
गिर गाय द्वारा उत्पादित दूध की कीमत प्रति लीटर 60 से 65 रुपये है, जिससे पशुपालक को रोजाना की बड़ी आमदनी (daily income) होती है. इस गाय की उच्च दूध उत्पादन क्षमता और उच्च मूल्य प्रति लीटर दूध द्वारा इस पशुपालक की मासिक आय 25,000 से 30,000 रुपये के बीच होती है, जिससे उनका परिवार आर्थिक रूप से स्थिर और सुरक्षित रहता है.
पशुपालन की देखभाल और प्रबंधन
गाय की देखभाल में सुबह और शाम दोनों समय उसे सूखा और हरा चारा, खली और तीन बार पानी दिया जाता है. इस तरह की संपूर्ण देखभाल से गाय स्वस्थ रहती है और उसका दूध उत्पादन भी बढ़िया रहता है.