AGRICULTURAL WORKERS WELFARE SCHEME: छत्तीसगढ़ सरकार ने भूमिहीन कृषि मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए “पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना” का शुभारंभ किया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 20 जनवरी को इस योजना का उद्घाटन करते हुए इसे राज्य के विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.
किसानों के साथ भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी आर्थिक सहयोग
छत्तीसगढ़ में एक बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है. लेकिन राज्य में ऐसे लोग भी हैं जो खुद की जमीन के बिना कृषि मजदूरी करके अपनी आजीविका चलाते हैं. इन्हीं भूमिहीन कृषि मजदूरों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है. योजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी परिवार को सालाना ₹10,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी.
5 लाख से अधिक परिवारों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना का लाभ 5,62,112 भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों को मिलेगा. इसके तहत सरकार ₹562 करोड़ 11 लाख 20 हजार की राशि इन परिवारों को प्रदान करेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य भूमिहीन मजदूर परिवारों की शुद्ध आय में वृद्धि कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है.
किन-किन परिवारों को मिलेगा योजना का लाभ?
इस योजना के दायरे में निम्नलिखित वर्गों के भूमिहीन परिवार शामिल किए गए हैं:
- वनोपज संग्राहक परिवार
- चरवाहे, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी आदि पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े लोग
- आदिवासी क्षेत्रों के देवस्थल में पूजा करने वाले पुजारी, बैगा, गुनिया और माँझी परिवार
इन परिवारों को योजना के तहत सालाना आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिससे वे अपनी आजीविका को बेहतर बना सकें.
मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों को वितरित किए चेक
योजना के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों को ₹10,000 की राशि का चेक वितरित किया. यह कदम राज्य सरकार की उन नीतियों को दर्शाता है, जो समाज के सबसे वंचित वर्गों के उत्थान के लिए बनाई गई हैं.
भूमिहीन मजदूरों की आर्थिक स्थिति सुधारने की पहल
छत्तीसगढ़ सरकार का कहना है कि यह योजना केवल आर्थिक सहायता तक सीमित नहीं है. बल्कि इससे भूमिहीन मजदूरों की जीवन शैली में व्यापक सुधार होगा. योजना का उद्देश्य है:
- आर्थिक संबल: मजदूर परिवारों की शुद्ध आय में वृद्धि करना.
- सामाजिक न्याय: समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाना.
- विकास को बढ़ावा: ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन देना.
योजना का महत्व
छत्तीसगढ़ की “पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना” का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यह उन वर्गों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है, जो अब तक सरकारी योजनाओं से वंचित थे.
- आर्थिक समानता: भूमिहीन मजदूरों को उनकी आजीविका के लिए सहयोग प्रदान करना.
- सामाजिक सशक्तिकरण: पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में शामिल करना.
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार: आर्थिक सहयोग से ग्रामीण विकास को बढ़ावा मिलेगा.
अन्य योजनाओं से अलग कैसे है यह योजना?
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत भूमि-धारक किसानों को सालाना ₹6,000 की आर्थिक सहायता दी जाती है. इसके विपरीत छत्तीसगढ़ की यह योजना उन भूमिहीन कृषि मजदूरों पर केंद्रित है. जिनके पास अपनी कृषि भूमि नहीं है. यह योजना सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में एक अनूठा प्रयास है.
लाभार्थियों की पहचान और प्रक्रिया
- पात्रता: योजना के तहत उन परिवारों को चुना जाएगा, जो भूमिहीन कृषि मजदूर या पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े हैं.
- पंजीकरण: पात्र परिवारों को अपनी पहचान और आय से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.
- भुगतान प्रक्रिया: चयनित लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे सालाना ₹10,000 की राशि स्थानांतरित की जाएगी.
मुख्यमंत्री का विजन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह योजना राज्य में सामाजिक और आर्थिक बदलाव लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. उन्होंने वादा किया कि सरकार भविष्य में भी ऐसी योजनाएं लाएगी, जो समाज के कमजोर वर्गों को लाभ पहुंचाएंगी.