Bihar Expressway: बिहार में सड़क विकास को नई गति मिलने जा रही है। राज्य में 10 नए एक्सप्रेसवे और हाईवे ऑफर किए गए हैं, जिनसे यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और आर्थिक विकास को भी मजबूती मिलेगी। इन परियोजनाओं पर लगभग 1 लाख 43 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन नए एक्सप्रेसवे और हाईवे के माध्यम से बिहार को पड़ोसी राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
1. रक्सौल-हल्दिया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल से पश्चिम बंगाल के हल्दिया तक बनने वाला यह एक्सप्रेसवे 6 लेन का होगा। इसकी लंबाई 692 किलोमीटर होगी और इसकी कुल लागत 40,000 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह सड़क रक्सौल को हल्दिया बंदरगाह से जोड़ेगी, जिससे व्यापारियों को माल ढुलाई में आसानी होगी और बिहार का व्यापारिक विकास तेजी से होगा।
2. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी तक बनने वाला यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे 520 किलोमीटर लंबा होगा। इस प्रोजेक्ट पर 25,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बिहार के कई जिलों को जोड़ने वाला यह एक्सप्रेसवे राज्य के अंदरूनी इलाकों के विकास को बढ़ावा देगा।
3. वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे
612 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 30,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। यह यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को आपस में जोड़ेगा, जिससे यात्रा और व्यापार सुगम होगा। इस एक्सप्रेसवे से बिहार के 4 जिलों को डायरेक्ट फायदा मिलेगा।
4. पटना-आरा-सासाराम एक्सप्रेसवे
पटना और सासाराम के बीच यात्रा को सुगम बनाने के लिए 118 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 4,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके बनने से पटना और सासाराम के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
5. पटना-बेतिया एक्सप्रेसवे
इस 4 लेन वाले एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 150 किलोमीटर होगी और इसकी लागत 6,500 करोड़ रुपये होगी। यह सड़क पटना और बेतिया के बीच यातायात को सुगम बनाएगी और इस क्षेत्र में विकास के नए अवसर खोलेगी।
6. बाकरपुर-डुमरिया घाट एक्सप्रेसवे
92 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 2,200 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इससे पटना, मुजफ्फरपुर, सारण और वैशाली जिलों के बीच यातायात में सुधार होगा और लोगों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव मिलेगा।
7. पटना रिंग रोड
पटना शहर में यातायात दबाव को कम करने के लिए 6 लेन की यह सड़क बनाई जा रही है। करीब 100 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण 11,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इस रिंग रोड से शहर के अंदर ट्रैफिक कम होगा और बाहरी जिलों से आवागमन सरल होगा।
8. मुंगेर-मिर्जाचौकी एक्सप्रेसवे
125 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का निर्माण 8,000 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इससे बिहार से झारखंड और पश्चिम बंगाल तक की यात्रा आसान हो जाएगी। इस एक्सप्रेसवे के बनने से माल ढुलाई और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
9. आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे
198 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे एक्सेस कंट्रोल के तहत बनाया जाएगा। इस पर 8,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह बिहार का पहला पूर्ण एक्सप्रेसवे होगा और इसके निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच यात्रा का समय कम हो जाएगा।
10. पटना-आरा-बक्सर एक्सप्रेसवे
181 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 9,000 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया जाएगा। इसके निर्माण से पटना, आरा और बक्सर के बीच कनेक्टिविटी बेहतर होगी और बिहार में औद्योगिक और व्यापारिक विकास को नई दिशा मिलेगी।