Ban on DJ: राजस्थान के अनूपगढ़ जिले में बोर्ड परीक्षाओं और अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जिला कलक्टर ने ध्वनि नियंत्रण अधिनियम के तहत सख्त प्रतिबंध लागू किए हैं। इन आदेशों का उद्देश्य छात्रों को शांतिपूर्ण वातावरण प्रदान करना है, जिससे वे अपनी परीक्षाओं की तैयारी बेहतर ढंग से कर सकें।
कब से कब तक लागू रहेगा प्रतिबंध?
जिले में प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक ध्वनि यंत्रों (लाउडस्पीकर, डीजे, साउंड सिस्टम) के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा। पहले से ही रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक इनका उपयोग प्रतिबंधित था। अब इस आदेश को दिन के समय भी लागू किया गया है ताकि परीक्षा की तैयारियों में किसी प्रकार की बाधा न आए।
किन कार्यक्रमों पर लगेगा प्रतिबंध?
ध्वनि नियंत्रण अधिनियम के तहत जिला प्रशासन ने कई सामाजिक और पर्सनल प्रोग्रामों पर भी खास ध्यान दिया है। जिन गतिविधियों पर विशेष नियम लागू होंगे, वे इस प्रकार हैं:
- शादी समारोहों में रात्रि 10:00 बजे से प्रातः 6:00 बजे तक ध्वनि यंत्रों का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
- धार्मिक स्थलों पर भजन, कीर्तन और प्रवचन जैसे कार्यक्रम प्रातः 6:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक ही आयोजित किए जा सकते हैं।
- मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों में आरती, भजन एवं शब्द कीर्तन की अनुमति होगी, लेकिन धीमी आवाज में ही ध्वनि यंत्रों का उपयोग किया जा सकेगा।
- विवाह समारोहों में बारात निकालने और धुकाव कार्यक्रमों में ध्वनि उपकरणों के उपयोग की छूट रहेगी, लेकिन यह भी कम आवाज में ही संभव होगा।
डीजे पर रहेगा पूर्ण प्रतिबंध
आदेश के तहत डीजे का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। चाहे वह विवाह समारोह हो, कोई अन्य सामाजिक आयोजन हो, या कोई धार्मिक कार्यक्रम, किसी भी स्थिति में डीजे के प्रयोग की पर्मिशन नहीं दी जाएगी। यह निर्णय विशेष रूप से ध्वनि प्रदूषण को रोकने और परीक्षा देने वाले छात्रों को बिना किसी दिक्कत के अध्ययन का माहौल देने के लिए लिया गया है।
आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई
अगर कोई व्यक्ति या संस्था इन आदेशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि:
- पुलिस प्रशासन और उपखंड अधिकारी किसी भी उल्लंघन पर तुरंत कार्रवाई करेंगे।
- तहसीलदार की ओर से भी इस आदेश के उल्लंघन पर दंडात्मक प्रावधान लागू किया जाएगा।
- जुर्माने के साथ-साथ अन्य कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
आदेश की अवधि और असर
यह आदेश जारी दिनांक से आगामी दो माह तक प्रभावी रहेगा। इसका उद्देश्य केवल परीक्षार्थियों के लिए शांतिपूर्ण वातावरण बनाना ही नहीं, बल्कि ध्वनि प्रदूषण को कम करना भी है। यह कदम न केवल छात्रों बल्कि आम नागरिकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा।
ध्वनि नियंत्रण आदेश की आवश्यकता क्यों?
ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है जो कई प्रकार की परेशानियां उत्पन्न करता है:
- अत्यधिक शोर से छात्रों का ध्यान भंग होता है, जिससे उनकी पढ़ाई पर नेगेटिव असर पड़ता है।
- बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों को अधिक परेशानी होती है, खासकर जब देर रात तक तेज आवाज में संगीत बजता है।
- सड़क पर चलने वाले वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए भी यह खतरनाक हो सकता है, क्योंकि तेज ध्वनि से संचार बाधित होता है।
- नींद की कमी और मानसिक तनाव बढ़ने की संभावना रहती है, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।