Bank Holiday: अगर आप बैंक कर्मचारी हैं या बैंकिंग सेवाओं से जुड़े हुए हैं, तो आपके लिए यह एक बड़ी खबर है। अब बैंक कर्मचारियों को हफ्ते में केवल 5 दिन ही काम करना होगा, यानी शनिवार और रविवार को बैंक पूरी तरह बंद रहेंगे। यह फैसला बैंक यूनियनों और इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) के बीच हुए समझौते के बाद लिया गया है। फिलहाल सरकार की अंतिम मंजूरी का इंतजार है, और अगर सबकुछ योजना के अनुसार रहा तो यह नियम इस साल के अंत तक लागू हो सकता है। आइए जानते हैं कि यह बदलाव बैंकिंग सेक्टर और आम जनता के लिए कितना महत्वपूर्ण है।
बैंक कर्मचारियों के लिए क्यों जरूरी था यह बदलाव?
बैंक यूनियनों की लंबे समय से मांग रही है कि बैंक कर्मचारियों को भी अन्य निजी कंपनियों की तरह संतुलित कार्य प्रणाली दी जाए। पहले 2015 में हुए समझौते के तहत महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक बंद करने का फैसला लिया गया था। लेकिन अब, कर्मचारियों की कपैसिटी और वर्क-लाइफ बैलेंस को ध्यान में रखते हुए हर शनिवार और रविवार को अवकाश देने का प्रस्ताव लाया गया है।
इस फैसले से कर्मचारियों को अधिक आराम मिलेगा और वे अपने पर्सनल जीवन में अधिक समय दे सकेंगे। साथ ही, मानसिक और शारीरिक थकान कम होने से कार्यक्षमता में सुधार होगा।
फाइव डे वर्किंग पर बनी सहमति
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक यूनियनों और भारतीय बैंक संघ (IBA) के बीच इस मुद्दे पर बातचीत सफल रही है और अब केवल सरकार की मंजूरी का इंतजार है। यह नियम लागू होने के बाद सरकारी और प्राइवेट दोनों बैंकों पर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, ग्राहकों को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए बैंकिंग समय को 45 मिनट बढ़ाने पर भी चर्चा चल रही है।
नए नियम से बैंकिंग सेवाओं पर असर
अगर यह नियम लागू हो जाता है, तो इससे बैंकिंग सेवाओं पर कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। आइए जानते हैं कि इससे क्या-क्या बदलाव होंगे:
1. डिजिटल बैंकिंग को मिलेगा बढ़ावा
बैंक सप्ताह में दो दिन बंद रहने से ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग सेवाओं पर अधिक निर्भर रहना होगा। इससे नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और यूपीआई ट्रांजेक्शन का उपयोग तेजी से बढ़ सकता है।
2. बैंक के कामकाजी घंटे बढ़ सकते हैं
मौजूदा समय में बैंक सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक कार्य करते हैं। यदि फाइव डे वर्किंग लागू होता है, तो संभावना है कि बैंक का समय 9:45 बजे से 5:30 बजे तक किया जाए। इससे ग्राहकों को अधिक समय मिलेगा और कामकाज सुचारू रहेगा।
3. ग्राहकों को पहले से योजना बनानी होगी
अगर बैंक शनिवार और रविवार को बंद रहते हैं, तो ग्राहकों को अपने बैंकिंग कार्यों की योजना पहले से बनानी होगी। हालांकि, एटीएम, ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल लेनदेन की सुविधा हमेशा उपलब्ध रहेगी।
4. कर्मचारियों की उत्पादकता में सुधार होगा
दो दिन की छुट्टी मिलने से बैंक कर्मचारियों को अधिक आराम मिलेगा, जिससे उनकी कार्यक्षमता और उत्पादकता में सुधार होगा। इससे बैंकिंग सेवाओं की कवालिटी में भी इजाफा होगा।
बैंक यूनियनों की पुरानी मांग पूरी हुई
बैंक यूनियन 2015 से लगातार हर शनिवार और रविवार को बैंक बंद रखने की मांग कर रही थी। हालांकि, पहले केवल दूसरे और चौथे शनिवार को ही अवकाश दिया गया था। अब इस पर सहमति बन गई है कि प्रत्येक शनिवार और रविवार को बैंक बंद रहेगा, जिससे बैंकिंग सेक्टर में संतुलित कार्य संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा।
कब लागू होगा यह नियम?
फिलहाल, इस फैसले को लागू करने के लिए सरकार की मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। जब सरकार इस पर अंतिम मुहर लगा देगी, तभी इसे सभी बैंकों में लागू किया जाएगा। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की भी पर्मिशन जरूरी होगी, क्योंकि आरबीआई बैंकिंग क्षेत्र का मुख्य नियामक है।
ग्राहकों के लिए क्या होंगे ऑप्शन?
अगर यह नया नियम लागू होता है, तो ग्राहकों को अपने बैंकिंग कार्यों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनानी होंगी। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि डिजिटल बैंकिंग सेवाएं 24×7 उपलब्ध रहेंगी।
1. नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग
ग्राहक घर बैठे ही ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, बिल भर सकते हैं और अन्य बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
2. यूपीआई और डिजिटल पेमेंट का बढ़ता उपयोग
अब अधिकतर पेमेंट डिजिटल माध्यमों से किए जाते हैं। गूगल पे, फोनपे, पेटीएम, और अन्य यूपीआई सेवाएं हर समय उपलब्ध रहती हैं।
3. एटीएम सेवाएं बनी रहेंगी
नकद निकालने के लिए एटीएम सेवाएं हमेशा उपलब्ध रहेंगी, जिससे ग्राहकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।