Bank Holiday: अगर आपको बैंक से जुड़ा कोई जरूरी काम करना है तो उसे 21 मार्च 2025 (शुक्रवार) तक ही निपटा लें, क्योंकि उसके बाद बैंक लगातार चार दिन बंद रहने वाले हैं. 22 मार्च से लेकर 25 मार्च तक बैंक शाखाओं में कामकाज पूरी तरह से ठप रहेगा. इस दौरान देशभर के लाखों बैंक ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. हालांकि, डिजिटल सेवाएं जारी रहेंगी.
कब और क्यों रहेंगे बैंक बंद?
बैंक बंद रहने का कारण इस बार सिर्फ वीकेंड नहीं है, बल्कि बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल भी है. बैंक 22 मार्च को चौथा शनिवार और 23 मार्च को रविवार होने के कारण बंद रहेंगे. इसके बाद 24 और 25 मार्च को बैंककर्मियों ने दो दिन की हड़ताल का ऐलान किया है. ऐसे में बैंक अब 26 मार्च (बुधवार) को खुलेंगे.
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल की वजह
नई दिल्ली में बैंक यूनियनों और सरकार के बीच बातचीत विफल रहने के बाद यह हड़ताल तय हुई है. बैंक कर्मचारियों की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- सभी बैंकों में पर्याप्त संख्या में कर्मचारियों की भर्ती.
- हर शाखा में सुरक्षा गार्ड की तैनाती.
- सभी बैंकों में पांच दिवसीय बैंकिंग व्यवस्था लागू करना.
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली.
- बैंकों के कामकाज को निजी हाथों में सौंपे जाने का विरोध.
- ठेके पर कार्यरत कर्मचारियों को स्थायी करने की मांग.
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (UFBU) ने सभी प्रमुख बैंकों के साथ मिलकर इस हड़ताल का आह्वान किया है.
क्या-क्या सेवाएं होंगी प्रभावित?
चार दिन तक बैंक शाखाएं बंद रहने से निम्नलिखित सेवाओं पर असर पड़ सकता है:
- बैंक शाखाओं से नकद निकासी और जमा नहीं हो पाएगा.
- चेक क्लियरेंस, पासबुक एंट्री और अन्य काउंटर सेवाएं बंद रहेंगी.
- लोन आवेदन, डिमांड ड्राफ्ट और अन्य बैंकिंग कार्य भी रुके रहेंगे.
- बैंकों से जुड़े कुछ ऑफलाइन सरकारी कार्यों में भी देरी हो सकती है.
राहत की बात – UPI और ATM सेवाएं रहेंगी सामान्य
हालांकि ग्राहकों के लिए राहत की बात यह है कि UPI, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और एटीएम सेवाएं सामान्य रूप से जारी रहेंगी. यानी आप डिजिटल माध्यम से पैसों का लेनदेन और अन्य ऑनलाइन बैंकिंग कार्य बिना किसी रुकावट के कर सकेंगे.
हड़ताल से कितने बैंकों पर पड़ेगा असर?
यह हड़ताल सभी प्रमुख सरकारी बैंकों और कुछ निजी बैंकों में प्रभावी रहेगी. इसमें भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB), यूनियन बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक सहित अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक शामिल हैं.
इसके अलावा कुछ निजी बैंक जैसे ICICI, HDFC और Axis बैंक भी अपने स्तर पर हड़ताल से प्रभावित हो सकते हैं, हालांकि इनकी डिजिटल सेवाएं चालू रहेंगी.
ग्राहकों के लिए जरूरी सलाह
- बैंक से जुड़े जरूरी काम जैसे नकद निकासी, चेक क्लीयरेंस या अन्य कोई दस्तावेजी कार्य 21 मार्च तक निपटा लें.
- यदि आपको वेतन, बिल भुगतान या अन्य किसी बड़े लेन-देन की योजना बनानी है तो उसे बैंक बंदी को ध्यान में रखते हुए पहले ही कर लें.
- डिजिटल बैंकिंग और UPI जैसे विकल्पों का उपयोग करके अपने दैनिक लेन-देन को सुचारू रूप से जारी रखें.
- ग्रामीण क्षेत्रों में भी ग्राहक एटीएम या आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) का लाभ उठा सकते हैं.
बैंक कर्मचारी संगठन का बयान
बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महासचिव अनंत मिश्र ने कहा कि यह हड़ताल यूएफबीयू (UFBU) के बैनर तले हो रही है और देशभर के लाखों बैंक कर्मचारी इसमें हिस्सा लेंगे. यूनियन ने साफ किया है कि जब तक उनकी मांगों पर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती, आंदोलन जारी रहेगा.
पिछली बार भी हुआ था बैंकिंग सेवाओं में अवरोध
पिछले वर्षों में भी बैंक यूनियनों ने समय-समय पर हड़ताल कर अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाया है. इसका सबसे बड़ा असर आम जनता पर पड़ता है। खासकर उन ग्राहकों पर जो नकद लेनदेन या ऑफलाइन बैंकिंग पर निर्भर रहते हैं. सरकार और यूनियनों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद भी अभी तक मांगों पर कोई बड़ा फैसला नहीं हो सका है.
त्योहारी सीजन में हो सकती है और भी मुश्किलें
मार्च और अप्रैल में त्योहारों का मौसम भी है. ऐसे में बैंकों की हड़ताल और वीकेंड के कारण कामकाज ठप रहने से लोगों को नगद लेनदेन और सरकारी कार्यों में देरी का सामना करना पड़ सकता है. यदि सरकार और यूनियनों के बीच जल्द सहमति नहीं बनती है, तो आगे भी ऐसे आंदोलनों की आशंका बनी रहेगी.