Flate Seal: गुरुग्राम के डीएलएफ फेज एक से पांच के बीच 5000 से अधिक मकानों पर अवैध निर्माण और संचालित व्यावसायिक गतिविधियों के कारण सीलिंग की तलवार लटक गई है. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुरेशवर ठाकुर और विकास सूरी ने इस संबंध में सख्त लहजे में अपना फैसला सुनाया है. इस निर्णय के अनुसार, आगामी दो माह के भीतर सभी मकानों पर कार्रवाई करने और 19 अप्रैल को कोर्ट में एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
गुरुग्राम में व्यावसायिक गतिविधियाँ और उनके असर
डीएलएफ की मुख्य सड़कों जैसे कि गोल्फ कोर्स रोड और एमजी रोड, साथ ही इंटरनल सड़कों पर स्थित रिहायशी मकानों में व्यावसायिक उपयोग के लिए बड़े-बड़े शोरूम और अन्य वाणिज्यिक इकाइयाँ खोली गई हैं, जिन्हें अब बंद करने का आदेश दिया गया है. इससे इलाके में व्यापक प्रभाव पड़ा है और स्थानीय निवासियों में चिंता का माहौल है.
डीएलएफ फेज तीन, चार और पांच में अवैध निर्माण
डीएलएफ फेज तीन, चार और पांच में स्थित EWS श्रेणी के 3000 से अधिक मकानों में भी गंभीर अवैध निर्माण किए गए हैं. यहाँ पर स्टिल्ट पार्किंग के साथ छह से आठ मंजिल तक के निर्माण किए गए हैं, जिससे बिजली, पानी, और सीवर की सुविधाओं पर भारी दबाव पड़ रहा है. इससे आगे और कार्रवाई की जरूरत बढ़ गई है.
हाई कोर्ट के निर्देश और आगे की कारवाई
न्यायालय ने सभी सिविल मामलों में जल्द सुनवाई का आदेश दिया है और स्पष्ट किया है कि डीटीपीई को कोई भी राहत देने का अधिकार नहीं होगा. इस निर्णय के साथ, आने वाले समय में डीएलएफ सिटी और उसके निवासियों के लिए एक नई चुनौती का सामना करना पड़ सकता है, जिससे उन्हें अपने निवास स्थलों और व्यावसायिक स्थलों की स्थिति को सुधारने की आवश्यकता होगी.