High Court Decision: हाल ही में एक महत्वपूर्ण कोर्ट केस में, जहां एक पति ने अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदी थी, हाईकोर्ट ने इस संपत्ति के स्वामित्व को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. इस केस में पति द्वारा पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति के मालिकाना हक को लेकर विवाद था.
कोर्ट का निर्णय और उसके असर
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक यह साबित नहीं हो जाता कि पत्नी ने अपनी आय से संपत्ति खरीदी है, तब तक इसे पति की आय से खरीदी गई संपत्ति माना जाएगा. इस निर्णय से यह साफ होता है कि पति द्वारा पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति (husband’s income property) पर पति का अधिकार बना रहेगा जब तक कि पत्नी अपनी आय का स्रोत प्रमाणित नहीं करती.
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आगे कहा कि ऐसे मामलों में पति की आय से खरीदी गई संपत्ति को परिवार की संपत्ति के रूप में माना जाना चाहिए. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति का वास्तविक स्वामित्व पति के पास ही रहेगा अगर पत्नी अपनी स्वतंत्र आय सिद्ध नहीं कर पाती.
निर्णय का महत्व
यह निर्णय संपत्ति खरीदने के दौरान पारिवारिक सदस्यों के बीच सामंजस्य और सावधानी बरतने की आवश्यकता को रेखांकित करता है. यह यह भी दर्शाता है कि संपत्ति की खरीदारी में पारदर्शिता कितनी महत्वपूर्ण है और इसे कैसे बरतना चाहिए .
इस निर्णय से न केवल विवाहित जोड़ों के बीच बल्कि पारिवारिक विवादों में भी एक नई दिशा मिलेगी, जिससे कि संपत्ति से जुड़े मामलों को और अधिक कुशलता से सुलझाया जा सके.