Raw Employee: हरियाणा प्रदेश में हाल ही में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 24,000 पदों पर पक्की भर्तियां की गईं. इसके चलते कई कच्चे कर्मचारियों को उनकी सेवाओं से मुक्त कर दिया गया, जिससे उनके रोजगार पर संकट खड़ा हो गया. लेकिन अब प्रदेश सरकार ने इन कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर दी है. सरकार ने सभी हटाए गए कच्चे कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है, जिससे उनकी समस्या के समाधान की उम्मीद जगी है.
पक्की भर्तियों के बाद कच्चे कर्मचारियों को हटाने का आदेश
हरियाणा में हाल ही में हुए पक्के कर्मचारियों की नियुक्तियों के कारण कई कच्चे कर्मचारियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा. यह आदेश उन कर्मचारियों पर लागू किया गया, जो हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के तहत काम कर रहे थे और जिनका कार्यकाल पांच साल से कम का था. यह निर्णय आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत लिया गया. जिससे प्रभावित कर्मचारियों और उनके संगठनों में आक्रोश फैल गया.
कर्मचारी संगठनों का बढ़ता विरोध
कच्चे कर्मचारियों को सेवा मुक्त करने के आदेश के बाद विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया. संगठनों ने सरकार पर आरोप लगाया कि पक्के कर्मचारियों की नियुक्ति के नाम पर कच्चे कर्मचारियों की आजीविका छीनी जा रही है. कई कर्मचारी वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे थे और अचानक नौकरी छिन जाने से उनका भविष्य अनिश्चित हो गया.
सरकार ने मांगी हटाए गए कर्मचारियों की रिपोर्ट
कर्मचारी संगठनों के विरोध को देखते हुए हरियाणा सरकार ने सभी विभागों से हटाए गए कच्चे कर्मचारियों की पूरी रिपोर्ट मांगी है. मुख्य सचिव कार्यालय ने आदेश जारी करते हुए कहा कि विभाग, बोर्ड-निगम और सरकारी कंपनियां पदवार ब्योरे सहित जानकारी दें. यह कदम इस समस्या को हल करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है.
किन कर्मचारियों पर लागू हुआ यह आदेश?
यह आदेश उन कच्चे कर्मचारियों पर लागू हुआ जो हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत काम कर रहे थे और पांच साल से कम का अनुभव रखते थे. इनमें अधिकतर कर्मचारी आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-2 के तहत तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर काम कर रहे थे.
सरकार के कदम से मिली राहत
सरकार द्वारा हटाए गए कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगने के बाद प्रभावित कर्मचारियों और उनके परिवारों ने राहत की सांस ली है. अब उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनके रोजगार से जुड़ी समस्या का समाधान निकालेगी. सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह रिपोर्ट कर्मचारियों की स्थिति का जायजा लेने और आगे की कार्रवाई करने के लिए मांगी गई है.
कर्मचारियों की मांग और सरकार का रुख
कर्मचारियों और उनके संगठनों की मांग है कि हटाए गए सभी कच्चे कर्मचारियों को उनकी नौकरी पर पुनः बहाल किया जाए. वहीं, सरकार ने इस मुद्दे पर सुलझाव का आश्वासन दिया है. रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार यह तय करेगी कि इन कर्मचारियों के साथ किस प्रकार न्याय किया जा सकता है.
पक्की भर्तियों का प्रभाव और कच्चे कर्मचारियों की स्थिति
हरियाणा सरकार द्वारा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 24,000 पदों पर पक्की भर्तियां करना एक सराहनीय कदम है, लेकिन इसने कच्चे कर्मचारियों को अनिश्चितता में डाल दिया. पक्के कर्मचारियों की नियुक्ति के कारण कच्चे कर्मचारियों को सेवा मुक्त करना उनके रोजगार के अधिकार को प्रभावित करता है.
कर्मचारी संगठनों का संघर्ष जारी
कच्चे कर्मचारियों के समर्थन में विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया और सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग की. संगठनों का कहना है कि यह निर्णय कर्मचारियों के भविष्य को खतरे में डालता है.
भविष्य की राह
सरकार द्वारा रिपोर्ट मांगने के बाद यह संभावना बढ़ गई है कि कच्चे कर्मचारियों की समस्या का समाधान निकाला जाएगा. यदि सरकार इन कर्मचारियों को उनकी सेवाओं पर पुनः बहाल करती है या उनके लिए वैकल्पिक रोजगार प्रदान करती है, तो यह एक बड़ा कदम होगा.