बिहार के इन जिलों में शुरू होगा भूमि अधिग्रहण, इन जगहों से होकर गुजरेंगे 2 नए एक्सप्रेसवे Bihar New Expressway

Bihar New Expressway: बिहार और उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार दो बड़े एक्सप्रेसवे परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रही है। इन दोनों परियोजनाओं में पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे और गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इन एक्सप्रेसवे के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) और भूमि अधिग्रहण कार्य एक साथ शुरू किए जाएंगे।

पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे की खासियत

पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे की लंबाई 282 किमी होगी। इसके निर्माण के लिए 90 मीटर चौड़ाई वाली भूमि की जरूरत होगी। यह एक्सप्रेसवे बिहार की राजधानी पटना को सीमांचल के प्रमुख शहर पूर्णिया से जोड़ेगा, जिससे न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की खासियत

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 568 किमी होगी, जिसमें से बिहार में 417 किमी सड़क बनाई जाएगी। यह उत्तर प्रदेश और बिहार को पश्चिम बंगाल के महत्वपूर्ण शहर सिलीगुड़ी से जोड़ेगा, जिससे पूर्वोत्तर भारत की कनेक्टिविटी मजबूत होगी।

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भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी तेज

इन दोनों परियोजनाओं के लिए 13 जिलों में भूमि अधिग्रहण किया जाना है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, डीपीआर और भूमि अधिग्रहण कार्य समानांतर रूप से चलाए जाएंगे, ताकि परियोजना जल्द पूरी हो सके।

किन जिलों में होगी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया?

पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण:

  • वैशाली
  • समस्तीपुर
  • दरभंगा
  • सहरसा
  • मधेपुरा

गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण:

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  • पश्चिमी चंपारण
  • पूर्वी चंपारण
  • शिवहर
  • सीतामढ़ी
  • मधुबनी
  • सुपौल
  • अररिया
  • किशनगंज

भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया की मॉनिटरिंग के लिए ‘काला’ का गठन

सरकार ने भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया की निगरानी के लिए कंपीटेंट अथॉरिटी ऑफ लैंड एक्विजिशन (काला) का गठन करने का निर्देश दिया है। ‘काला’ ही जमीन अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की निगरानी करता है। इसके तहत:

  • किसानों को उचित मुआवजा मिलेगा।
  • भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता बनी रहेगी।
  • सड़क निर्माण में किसी तरह की कानूनी अड़चनें नहीं आएंगी।

सड़कों की जर्जर स्थिति पर नहीं दिया जा रहा ध्यान

एक ओर सरकार नई सड़कें बनाने पर ध्यान दे रही है, वहीं दूसरी ओर पुरानी और क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। भैरोगंज सहित कई क्षेत्रों में सड़कें जर्जर स्थिति में हैं, जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

जर्जर सड़कों के कारण बढ़ रही दुर्घटनाएँ

बेलवा से त्रिभौनी की मुख्य सड़क का हाल बेहद खराब है। यह सड़क लगभग चार किलोमीटर लंबी है और भैरोगंज, बरवा, त्रिभौनी, तोनवा, लक्ष्मीपुर, खरहट सहित कई गांवों को जोड़ती है। खराब सड़क की वजह से:

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  • लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है।
  • दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है।
  • सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।