साल में 2 बार होगी CBSE 10वीं बोर्ड परीक्षाएं ? बोर्ड कर रहा है खास तैयारीयां CBSE 10th Board

CBSE 10th Board: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) अपनी परीक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। नए नियमों के तहत, 2026 से कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। यह निर्णय छात्रों को अधिक अवसर देने और परीक्षा के तनाव को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। यदि कोई छात्र बीमार होने या किसी अन्य कारणवश परीक्षा नहीं दे पाता, तो वह दोबारा परीक्षा दे सकता है।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की समीक्षा बैठक और रिपोर्ट

हाल ही में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने CBSE अधिकारियों, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT), केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की। इस बैठक में प्रस्तावित बदलावों की विस्तार से समीक्षा की गई। रिपोर्ट के अनुसार, अगले सोमवार को इस संबंध में ऑफिसियल दस्तावेज जारी किए जाएंगे और जनता से सुझाव मांगे जाएंगे।

परीक्षा प्रणाली में बदलाव का उद्देश्य

CBSE के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, बोर्ड नई शिक्षा प्रणाली को ज्यादा असरदार और छात्र-केंद्रित बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य छात्रों की सोचने और समझने की कपैसिटी को विकसित करना है, बजाय केवल रटने पर निर्भर रहने के। यह नई नीति परीक्षा के बोझ को कम करने और छात्रों को अधिक ऑप्शन देने की दिशा में एक पॉजिटिव पहल है।

यह भी पढ़े:
19 मार्च की सुबह सोने चांदी में हुई बढ़ोतरी, जाने 14 और 18 कैरेट सोने की नई कीमत Sone Ka Bhav

CBSE जल्द शुरू करेगा ग्लोबल करीकुलम

एक महत्वपूर्ण बदलाव के तहत, CBSE 2026-27 शैक्षणिक सत्र से अपनी 260 विदेशी स्कूलों के लिए एक ग्लोबल करीकुलम लागू करने की योजना बना रहा है। इस करीकुलम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा, जिससे भारतीय छात्रों को ग्लोबल लेवल पर बेहतर अवसर मिलेंगे।

शिक्षकों के लिए स्पेशल टेस्ट प्रोग्राम

CBSE इस नए मूल्यांकन मॉडल को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण में भी निवेश कर रहा है। बोर्ड का मानना है कि शिक्षकों को नए बदलावों के प्रति जागरूक और ट्रैन्ड करने से छात्रों को अधिक कवालिटी युक्त शिक्षा प्रदान की जा सकेगी।

परीक्षा सुधार से छात्रों को मिलेगा स्ट्रेसफ्री वातावरण

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बदलाव की सराहना करते हुए कहा कि यह कदम एक तनावमुक्त शिक्षा वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “परीक्षा सुधार और बदलाव छात्रों पर पड़ने वाले मानसिक दबाव को कम करने में सहायक होंगे”

यह भी पढ़े:
water damaged phone fix फोन पानी में गिर जाए तो उसे चावल में रखना है सही ? जाने फोन को सूखाने का सही तरीका Water Damaged Phone

CBSE ने स्कूलों के लिए जारी किए सख्त दिशा-निर्देश

CBSE ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर स्कूलों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब स्कूलों को OECMS पोर्टल पर परीक्षा के दिन ही फीडबैक अपलोड करना अनिवार्य होगा। यदि कोई स्कूल देरी से रिएक्शन देता है, तो उसे मान्य नहीं किया जाएगा। साथ ही, CBSE ने अतिरिक्त सवालों के लिए स्कूलों को [email protected] पर ईमेल करने का निर्देश दिया है।

परीक्षा में CBSE की सख्ती

CBSE ने पेपर लीक और परीक्षा में अनियमितताओं से संबंधित गलत जानकारी फैलाने से छात्रों और अन्य संबंधित पक्षों को सावधान रहने की सलाह दी है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि छात्रों को केवल ऑफिसियल न्यूज पर ही भरोसा करना चाहिए।

CBSE परीक्षा केंद्रों की संख्या और छात्रों की भागीदारी

इस साल CBSE बोर्ड परीक्षा में 42 लाख से अधिक छात्र शामिल हो रहे हैं। यह परीक्षाएं भारत और विदेशों के 7,842 केंद्रों पर आयोजित की जा रही हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि CBSE बोर्ड परीक्षा का दायरा कितना बड़ा है और परीक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों का प्रभाव कितना महत्वपूर्ण होगा।

यह भी पढ़े:
railway rules for female passengers अकेले ट्रेन सफर करने वाली महिलाओं को मिलती है ये सुविधाएं, बहुत कम लोगों को होती है इनकी सही जानकारी Railway Rules

10वीं की बोर्ड परीक्षा में बदलाव का छात्रों पर असर

CBSE के इस फैसले से छात्रों को कई फायदे होंगे:

  1. दो बार परीक्षा देने का ऑप्शन: यदि छात्र पहली बार में अच्छे अंक नहीं ला पाते हैं, तो वे दूसरी बार परीक्षा देकर अपने प्रदर्शन को सुधार सकते हैं।
  2. परीक्षा का तनाव होगा कम: बार-बार परीक्षा देने के ऑप्शन से छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम होगा।
  3. सीखने की प्रक्रिया होगी अधिक प्रभावी: छात्रों को परीक्षा से डरने की बजाय अपने विषयों को गहराई से समझने का मौका मिलेगा।