CIBIL Score New Rule: पर्सनल फाइनेंस के लिए सिबिल स्कोर की अहम भूमिका होती है, और अब इसका महत्व व्यक्तिगत रिश्तों में भी देखा जा रहा है। हाल की एक घटना में महाराष्ट्र में एक दुल्हन ने दूल्हे के कम सिबिल स्कोर को देखकर शादी तोड़ दी थी। अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सिबिल स्कोर के नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जो 1 जनवरी से लागू हो चुके हैं.
RBI के सिबिल स्कोर नियमों में नए बदलाव
रिजर्व बैंक ने सिबिल स्कोर को हर 15 दिन में अपडेट करने का नियम लागू किया है। पहले यह मासिक आधार पर अपडेट होता था। इस बदलाव से लोन के आवेदन के बीच की अवधि में प्रभावी तरीके से सिबिल स्कोर की मॉनिटरिंग संभव हो पाएगी, और यह फ्रॉड को रोकने में मदद करेगा .
गोपनीयता में सुधार और उपभोक्ता सुरक्षा
नए नियम के अनुसार, सिबिल की हार्ड इन्क्वायरी अब गुप्त रूप से नहीं की जा सकेगी। पहले जहां बिना उपभोक्ता की जानकारी के बैंक सिबिल स्कोर चेक कर लेते थे, अब हर इन्क्वायरी पर उपभोक्ता को सूचित किया जाएगा। यह कदम उपभोक्ता के वित्तीय स्वास्थ्य की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करेगा और उन्हें अपने क्रेडिट प्रोफाइल पर बेहतर नियंत्रण देगा .
जुर्माने के प्रावधान और उपभोक्ता अधिकार
यदि किसी उपभोक्ता की शिकायत पर 30 दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होती है, तो सिबिल पर हर दिन के हिसाब से 100 रुपए का जुर्माना लगेगा। यह उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करता है और सिबिल को अधिक जवाबदेह बनाता है .
हार्ड और सॉफ्ट इन्क्वायरी की व्याख्या
हार्ड और सॉफ्ट इन्क्वायरी के बीच का अंतर समझना उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है। हार्ड इन्क्वायरी से सिबिल स्कोर प्रभावित होता है जबकि सॉफ्ट इन्क्वायरी से नहीं। इस जानकारी के माध्यम से उपभोक्ता अपने क्रेडिट स्कोर को समझ सकते हैं और अनावश्यक हानि से बच सकते हैं