Ganga Expressway: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए बजट 2024 में कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इनमें गंगा एक्सप्रेस-वे, मां शाकंभरी कॉरिडोर, फोरेंसिक लैब और यमुना नदी पर पुल निर्माण जैसी परियोजनाएं प्रमुख हैं। इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए कई अहम घोषणाएं की गई हैं, जो प्रदेश के विकास को नई दिशा देने का काम करेंगी।
गंगा एक्सप्रेस-वे से सहारनपुर को मिलेगा सीधा कनेक्शन
गंगा एक्सप्रेस-वे का विस्तार उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों को जोड़ने के लिए किया जा रहा है। यह एक्सप्रेस-वे लाखनौर से होते हुए शहर को बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इससे न केवल यातायात सुगम होगा, बल्कि क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस योजना से हजारों लोगों को डायरेक्ट और इन डायरेक्ट रूप से रोजगार मिलेगा।
मां शाकंभरी कॉरिडोर को मिली मंजूरी
बजट 2024 में मां शाकंभरी कॉरिडोर को भी शामिल किया गया है। यह कॉरिडोर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाया जा रहा है। इसके विकास से श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और आसपास के इलाकों में आर्थिक गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी।
नहरों की सफाई और अन्य कार्यों के लिए बजट आवंटन
प्रदेश सरकार ने नहरों की सफाई और रखरखाव के लिए भी विशेष बजट का प्रावधान किया है। इससे जल संरक्षण में मदद मिलेगी और किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
गांव जेहरा के शिव मंदिर के लिए एक करोड़ की राशि मंजूर
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के लिए गांव जेहरा स्थित शिव मंदिर के विकास हेतु एक करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह मंदिर स्थानीय निवासियों के लिए धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र है, जिसका जीर्णोद्धार जल्द ही शुरू होगा।
हरियाणा से यूपी को जोड़ने के लिए पुल निर्माण
बजट में नसरुल्लागढ़ के पास यमुना नदी पर बने हरियाणा सरकार के नंगली घाट पुल को यूपी से जोड़ने के लिए 123 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस पुल के निर्माण से हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच आवागमन आसान होगा, जिससे व्यापार और यात्रियों को राहत मिलेगी।
फोरेंसिक लैब से अपराध जांच में आएगी तेजी
बजट में सहारनपुर में फोरेंसिक लैब की स्थापना को भी मंजूरी दी गई है। इससे अपराध मामलों की जांच तेजी से हो सकेगी और न्याय प्रक्रिया में सुधार आएगा।
वर्तमान स्थिति और जरूरत
हर साल सहारनपुर से करीब दो हजार नमूने गाजियाबाद की निवाड़ी फोरेंसिक लैब में भेजे जाते हैं। लेकिन निवाड़ी फोरेंसिक लैब पर अधिक लोड होने के कारण रिपोर्ट मिलने में काफी देरी होती है।
सहारनपुर में फोरेंसिक लैब के फायदे
- स्थानीय स्तर पर ही नमूनों की जांच हो सकेगी।
- अपराध मामलों की तेजी से जांच होगी।
- आसपास के जिलों के नमूने भी सहारनपुर में जांचे जा सकेंगे।
बजट से जुड़ी अन्य अहम मांगें और विकास योजनाएं
बजट में कई अन्य आवश्यक मांगों को लेकर भी चर्चा हुई, जिन पर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है।
1. स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता
- सहारनपुर में नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी और आर्थोपेडिक्स विशेषज्ञों की भारी कमी है।
- मां शाकंभरी विश्वविद्यालय के दूसरे चरण के निर्माण की मंजूरी का इंतजार।
- मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग कॉलेज, पैरा-मेडिकल केंद्र और स्पोर्ट्स इंजरी सेंटर की मांग।
2. खेलों के विकास के लिए मिनी स्टेडियम
- ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मिनी स्टेडियम बनाने की जरूरत।
- इससे युवा खिलाड़ियों को बेहतर ट्रैनिंग और अभ्यास की सुविधा मिलेगी।
3. 14 किलोमीटर रिंग रोड के लिए डीपीआर का बजट मंजूर होने की प्रतीक्षा
- सहारनपुर में ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए 14 किलोमीटर की रिंग रोड की योजना बनाई गई है।
- इसके लिए डीपीआर की मंजूरी का इंतजार है।
- यह परियोजना पूरी होने से शहर में यातायात की समस्या का समाधान होगा।
4. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की उम्मीद
- सहारनपुर में इलेक्ट्रिक बसों की योजना पर विचार हो रहा है।
- इससे शहर में प्रदूषण कम होगा और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बेहतर होगा।
5. पशु बाजार (कमेले) को शहर से बाहर ट्रांसफर करने की जरूरत
- शहर में कमेले (पशु बाजार) को बाहर ट्रांसफर करने के लिए भूमि की आवश्यकता है।
- इससे शहर की स्वच्छता और पर्यावरण पर पॉजिटिव असर पड़ेगा।