Cow Subsidy Scheme: हरियाणा सरकार किसानों के विकास और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। इसी दिशा में सरकार ने किसानों को खेती में होने वाले जोखिमों को कम करने और खेती को जहर मुक्त बनाने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक और पर्यावरणीय रूप से मजबूत बनाना है।
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ उन किसानों को दिया जाएगा, जिन्होंने अपनी फसल का रजिस्ट्रेशन ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर कराया है। इसके साथ ही, जिन किसानों के पास देसी गाय हैं, वे भी इस योजना के पात्र होंगे।
देसी गाय रखने वाले किसानों को प्राथमिकता
- योजना का लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिन्होंने देसी गाय खरीदी है।
- हाल ही में गाय खरीदने वाले किसानों की वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
- सब्सिडी की राशि बहुत जल्द पात्र किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया
सरकार ने इस योजना की आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया है, ताकि अधिक से अधिक किसान इसका लाभ उठा सकें।
आवेदन करने का तरीका
- किसान अपने नजदीकी कृषि या पशुपालन विभाग में आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं।
- आवेदन जमा करने के बाद किसान के द्वारा खरीदी गई गाय की जांच की जाएगी।
- वेरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद सब्सिडी की राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
सब्सिडी के लिए जरूरी दस्तावेज
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसानों को ये दस्तावेज जमा करने होंगे:
- बैंक पासबुक: बैंक खाते की जानकारी के लिए।
- परिवार पहचान पत्र: परिवार की जानकारी के लिए।
- रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर: प्रक्रिया की अपडेट के लिए।
योजना के उद्देश्य
हरियाणा सरकार का यह कदम खेती में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रभाव को कम करने की दिशा में है। देसी गाय के गोबर और मूत्र से बनने वाले जैविक खाद का उपयोग करके खेती को जहर मुक्त बनाया जा सकता है।
खेती में रिस्क कम करना
- प्राकृतिक खाद के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
- जैविक खेती किसानों को मौसम और कीटों से जुड़े जोखिमों से बचाने में मदद करती है।
- देसी गाय का उपयोग करके किसानों को सस्ती और प्रभावी जैविक खाद उपलब्ध होती है।
जहर मुक्त खेती के फायदे
- रासायनिक खादों से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को रोका जा सकता है।
- जैविक खेती से उत्पादित फसलें स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित होती हैं।
- अंतरराष्ट्रीय बाजार में जैविक फसलों की मांग अधिक है, जिससे किसानों को बेहतर दाम मिल सकते हैं।
किसानों के लिए आर्थिक लाभ
सरकार की इस योजना के तहत किसानों को सीधे आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह सहायता उनके रोजमर्रा के खर्चों को कम करती है और खेती के लिए जरूरी संसाधनों को सुलभ बनाती है।
सब्सिडी की राशि
- सब्सिडी का पैसा किसान अपने खेतों में जैविक खाद और अन्य संसाधनों पर खर्च कर सकते हैं।
- इससे उनकी खेती की लागत कम होगी और मुनाफा बढ़ेगा।
‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल
सरकार ने इस योजना में ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल को जरूरी बनाया है। यह पोर्टल किसानों की फसल और उनकी जमीन से जुड़ी जानकारी को इकठा करता है।
कैसे करता है पोर्टल मदद?
- किसानों की फसल और पशुपालन से जुड़ी जानकारी का रिकॉर्ड रखा जाता है।
- यह पोर्टल सब्सिडी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाता है।
- किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार योजनाओं का लाभ मिलता है।
सरकार के प्रयास
- जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को योजनाओं के बारे में जानकारी दी जा रही है।
- ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- सरकारी अधिकारी किसानों की मदद के लिए गांवों का दौरा कर रहे हैं।