Government Employees of Haryana: हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार अब भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। सरकार अब भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्ती से नकेल कसने के लिए नए नियम लागू कर रही है। इसके तहत अब कर्मचारियों और अधिकारियों को 50 और 55 वर्ष की उम्र में एक्सटेंशन मिलने से पहले उनका फुल रिव्यू किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाता है, तो उसे एक्सटेंशन नहीं दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर जबरन रिटायर भी किया जा सकता है।
भ्रष्ट अधिकारियों पर सरकार की पहली कार्रवाई
हरियाणा सरकार ने इस योजना की शुरुआत कर दी है। हाल ही में राजस्व विभाग के एक ग्रुप बी अधिकारी की एक्सटेंशन पर सरकार ने रोक लगा दी है। जल्द ही इस अधिकारी को रिटायरमेंट का नोटिस भी जारी कर दिया जाएगा। प्रदेश में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की ओर से भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम तेज कर दी गई है, जिसमें औसतन हर दूसरे दिन किसी न किसी अधिकारी या कर्मचारी को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया जा रहा है।
कैसे होगा एक्सटेंशन से पहले रिव्यू?
हरियाणा सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि कर्मचारियों के एक्सटेंशन पर फैसला लेने से पहले उनकी एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट (ACR) और प्राइवसी रिपोर्ट (CR) की फुल जांच की जाएगी। यदि इन रिपोर्टों में भ्रष्टाचार से संबंधित कोई नेगेटिव टिप्पणी पाई जाती है, तो ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा। सरकार की इस नीति का उद्देश्य सरकारी कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और असरदार बनाना है।
पहले भी हो चुकी हैं कड़ी कार्रवाई
हरियाणा सरकार की ओर से पहले भी कई भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए हैं। बीते दिनों एचसीएस अधिकारी रीगन कुमार को जबरन रिटायर किया गया था। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसके चलते सरकार ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की। इसी प्रकार, नए नियमों के तहत अब ग्रुप बी के तीन अधिकारियों में से एक की एक्सटेंशन पर भी रोक लगा दी गई है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की योजना
हरियाणा सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नीति के तहत ये कदम उठाए जा रहे हैं:
- 50 और 55 वर्ष की उम्र में कर्मचारियों और अधिकारियों की पूरी जांच।
- ACR और गोपनीय रिपोर्ट के आधार पर एक्सटेंशन देने या रोकने का फैसला।
- भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाने वाले कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने की प्रक्रिया।
- एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार निरोधी अभियान को और मजबूत करना।
- रिश्वतखोरी के मामलों में पाए गए अधिकारियों पर तत्काल कार्रवाई और सस्पेंड।
सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता लाने का प्रयास
हरियाणा सरकार का यह कदम सरकारी सेवाओं को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए उठाया गया है। सरकार चाहती है कि ईमानदार और मेहनती अधिकारियों को बढ़ावा मिले और भ्रष्टाचार में मिलने वाले कर्मचारियों को बाहर किया जाए।
जनता को कैसे मिलेगा फायदा?
सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार आम जनता के लिए सबसे बड़ी परेशानी है। जब सरकारी अधिकारी भ्रष्टाचार में होते हैं, तो सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ आम नागरिकों तक नहीं पहुंच पाता। हरियाणा सरकार के इस नए नियम से सरकारी कार्यालयों में कामकाज की गुणवत्ता में सुधार होगा और आम जनता को सरकारी सेवाओं का लाभ बिना किसी भ्रष्टाचार के मिल सकेगा।
क्या होगा भ्रष्ट अधिकारियों का भविष्य?
नए नियम लागू होने के बाद भ्रष्ट अधिकारियों का सरकारी सेवा में टिके रहना मुश्किल हो जाएगा। उन्हें न सिर्फ एक्सटेंशन से वंचित किया जाएगा, बल्कि अगर उन पर लगे आरोप गंभीर पाए जाते हैं, तो उन्हें जबरन रिटायर भी किया जा सकता है। इस सख्ती से सरकारी विभागों में ईमानदार और योग्य अधिकारियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।
अन्य राज्यों के लिए मिसाल बनेगा हरियाणा मॉडल
हरियाणा सरकार द्वारा भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए अपनाया गया यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणादायक बन सकता है। यदि अन्य राज्य भी इसी प्रकार की नीति अपनाते हैं, तो पूरे देश में सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार हो सकता है।