सरसों तेल खाते है तो हो जाइए सावधान, इन 5 बातों को जरुर जान लेना Mustard Oil

Mustard Oil: आजकल हर रसोईघर में सरसों के तेल का उपयोग प्रमुखता से किया जाता है. यह तेल न केवल भारतीय व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होता है. बल्कि इसे स्वास्थ्य और सौंदर्य से जुड़े कई उपायों में भी उपयोग किया जाता है. सरसों का तेल अपनी खास गंध और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है. हालांकि इसका इस्तेमाल आमतौर पर फायदे के लिए किया जाता है. लेकिन इसके कुछ नुकसानों से भी सावधान रहना जरूरी है. इसलिए इसे इस्तेमाल करते समय विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है.

सरसों का तेल और इसके विविध उपयोग

भारत में सरसों का तेल केवल रसोई तक सीमित नहीं है. यह तेल ब्यूटी और हेल्थ के लिए भी इस्तेमाल होता है. आयुर्वेद में भी इसे कई औषधियों में शामिल किया गया है. सरसों के तेल को ‘कड़वा तेल’ भी कहा जाता है और इसे आमतौर पर हल्दी के साथ मिलाकर चोट या खरोंच पर लगाने की सलाह दी जाती है. इसके अलावा कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी इसका उपयोग किया जाता है. जबकि कुछ लोग इसके फायदे बताते हैं. वहीं कुछ लोग इसके दुष्प्रभावों से भी अवगत हैं.

सरसों तेल के कुछ गंभीर नुकसान

सरसों का तेल एक प्राकृतिक उत्पाद है. लेकिन इसका अधिक या गलत तरीके से उपयोग शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. आइए जानते हैं सरसों के तेल से होने वाली कुछ प्रमुख समस्याओं के बारे में:

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एलर्जी की समस्या
कुछ लोग सरसों के तेल से एलर्जी का शिकार हो जाते हैं. अगर किसी व्यक्ति को सरसों के तेल से एलर्जी हो, तो उसके लिए इसका सेवन और उपयोग पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होता. एलर्जी के लक्षणों में खुजली, सूजन और जलन शामिल हो सकती है. यदि इस समस्या का समय रहते इलाज न किया जाए तो यह समस्या और बढ़ सकती है. इसलिए अगर आप सरसों के तेल का उपयोग करते समय किसी भी प्रकार की एलर्जी महसूस करें, तो इसका उपयोग तुरंत बंद कर दें.

राइनाइटिस और सांस की समस्या
कुछ लोगों को सरसों का तेल लगातार इस्तेमाल करने से राइनाइटिस जैसी समस्या हो सकती है. राइनाइटिस एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें नाक की झिल्ली में सूजन आ जाती है. जिससे छींक आना, खांसी और नाक से पानी बहना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं. अगर यह समस्या बढ़ती है तो यह सांस की अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है. इसलिए यदि आप लगातार सरसों का तेल सेवन करते हैं और ऊपर बताए गए लक्षण महसूस होते हैं, तो इसका सेवन कम कर दें या बंद कर दें.

गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा
गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल के सेवन में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. इसमें कुछ ऐसे रासायनिक तत्व होते हैं जो गर्भस्थ शिशु पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं. यह शिशु के विकास में रुकावट उत्पन्न कर सकता है और शिशु की सेहत पर असर डाल सकता है. इसलिए गर्भवती महिलाओं को सरसों के तेल का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए.

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सरसों तेल से जुड़ी और अहम जानकारी

सरसों के तेल का रोजाना उपयोग करने से भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं उन समस्याओं के बारे में:

रैशेज की समस्या
अगर आप नियमित रूप से सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी त्वचा पर रैशेज की समस्या उत्पन्न हो सकती है. सरसों के तेल में मौजूद कुछ तत्व त्वचा पर खुजली और जलन पैदा कर सकते हैं. जिससे रैशेज और अन्य त्वचा रोग हो सकते हैं. इसलिए इसे शरीर पर लगाने से पहले अपने शरीर के छोटे हिस्से पर इसे आजमाएं. ताकि आपको किसी प्रकार की प्रतिक्रिया का सामना न करना पड़े.

शरीर पर दाने और ब्लैकनेस
सरसों के तेल की मालिश करने से शरीर पर दाने भी हो सकते हैं और इससे त्वचा की रंगत पर भी असर पड़ सकता है. कुछ मामलों में शरीर पर ब्लैकनेस भी बढ़ सकता है. खासकर उन लोगों के लिए जो अपनी त्वचा पर लंबे समय तक सरसों के तेल का उपयोग करते हैं. यह समस्या और भी गंभीर हो सकती है. इसलिए अगर आप इसका इस्तेमाल करने जा रहे हैं, तो इसे अपनी त्वचा पर हलके रूप में ही लागू करें और अगर कोई नकारात्मक असर दिखे तो इसका उपयोग बंद कर दें.

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दिल के रोगों का खतरा
सरसों के तेल में एक तत्व होता है जिसे एरिटिक एसिड (eretic acid) कहा जाता है. यह तत्व अगर अधिक मात्रा में शरीर में प्रवेश करता है, तो यह दिल के रोगों का कारण बन सकता है. यह दिल की मांसपेशियों को कमजोर करने का काम भी कर सकता है. जिससे हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए सरसों के तेल का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए. ताकि इसके नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सके.

क्या है सही मात्रा और उपयोग का तरीका?

हर चीज़ का एक उचित तरीका और मात्रा होती है. सरसों का तेल भी सही मात्रा में सेवन या उपयोग करने पर लाभकारी हो सकता है. लेकिन इसे बिना सोच-समझे अधिक मात्रा में इस्तेमाल करना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है. यदि आप सरसों का तेल खाना पकाने में उपयोग करते हैं, तो इसकी कम से कम मात्रा का इस्तेमाल करें. शरीर पर मालिश करते समय इसे किसी अन्य तेल के साथ मिश्रित करके ही प्रयोग करें.

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