जिला प्रशासन ने इन स्कूलों पर की कार्रवाई, 30 दिनों में वापस लौटाने होंगे 38 करोड़ रूपए Schools Fee Refund

Schools Fee Refund: जबलपुर जिला प्रशासन ने चार निजी स्कूलों द्वारा अवैध रूप से वसूली गई फीस पर सख्त कार्रवाई की है. कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में गठित जिला समिति ने इन स्कूलों को 38 करोड़ 9 लाख रुपये की वसूली गई फीस अभिभावकों को 30 दिन के भीतर लौटाने का आदेश दिया है. इसके साथ ही प्रत्येक स्कूल पर दो-दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

किन स्कूलों पर हुई कार्रवाई?

जबलपुर के चार प्रतिष्ठित स्कूलों को अवैध फीस वसूली के मामले में दोषी पाया गया है. ये स्कूल हैं:

  • सेंट जोसेफ कान्वेंट गर्ल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल (कैंट)
  • गेब्रियल हायर सेकंडरी स्कूल (रांझी)
  • दिल्ली पब्लिक स्कूल (मंडला रोड)
  • रायल सीनियर सेकंडरी स्कूल (संजीवनी नगर)

इन स्कूलों ने शैक्षणिक सत्र 2018-19 से 2024-25 तक कुल 63,009 विद्यार्थियों से अवैध फीस वसूली थी.

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अवैध फीस वसूली

अभिभावकों की ओर से बार-बार शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने इन स्कूलों की गहन जांच की.

  • जांच में पाया गया कि इन स्कूलों ने मध्य प्रदेश निजी विद्यालय (फीस तथा संबंधित विषयों का विनियमन) अधिनियम 2017 एवं 2020 के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए फीस बढ़ाई थी.
  • अवैध तरीके से वसूली गई फीस को अमान्य घोषित कर दिया गया और अभिभावकों को वापस करने का आदेश दिया गया.

30 दिन में लौटानी होगी फीस

जिला प्रशासन ने इन स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे 30 दिन के भीतर वसूली गई फीस अभिभावकों को वापस करें.

  • इसके अलावा स्कूल प्रबंधन को दो-दो लाख रुपये का जुर्माना एचडीएफसी बैंक के सरकारी खाते में जमा कर उसकी रसीद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करनी होगी.
  • समय सीमा का पालन न करने पर स्कूलों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई की जाएगी.

32 स्कूलों पर हो चुकी है कार्रवाई

जबलपुर जिला प्रशासन ने अब तक 32 निजी स्कूलों के खिलाफ जांच करते हुए 265 करोड़ रुपये की अवैध फीस वसूली वापस करने के आदेश दिए हैं.

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  • इन कार्रवाइयों के तहत 12 स्कूलों के प्रिंसिपल और स्टाफ सहित 84 व्यक्तियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए.
  • कुछ नामी स्कूलों के संचालकों और प्रिंसिपलों को जेल भी जाना पड़ा.

बच्चों की शिक्षा पर अनावश्यक बोझ से राहत

यह कार्रवाई अभिभावकों के लिए एक बड़ी राहत है, क्योंकि निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली लंबे समय से एक गंभीर समस्या बनी हुई थी.

  • फीस वापसी के आदेश से 63,000 से अधिक परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा.
  • इससे यह भी संदेश जाता है कि शिक्षा का व्यवसायीकरण और अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डालने वाले स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

प्रशासन की सख्त चेतावनी

जबलपुर जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि भविष्य में भी यदि कोई स्कूल अवैध तरीके से फीस वसूली करते पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

  • इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और संबंधित पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
  • प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे स्कूलों की मनमानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएं.

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