Electricity Bill: हिमाचल प्रदेश सरकार ने बिजली बोर्ड की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बड़ा फैसला लिया है। 1 जनवरी से प्रदेश के राजपत्रित अधिकारियों को बिजली खर्च पर दी जाने वाली सब्सिडी समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा, इन अधिकारियों को पहले मिलने वाली 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इस फैसले के बाद फरवरी महीने से इन्हें बिना सब्सिडी वाले बिजली बिल जारी किए जाएंगे।
बिजली बोर्ड ने अब तक नहीं जुटाए पूरे आंकड़े
इस नए नियम के तहत कितने उपभोक्ताओं को बिना सब्सिडी का बिल जारी होगा, इसका पूरा डेटा बिजली बोर्ड के पास अभी तक उपलब्ध नहीं है। बिजली बोर्ड ने सरकारी विभागों से आंकड़े मांगे हैं, लेकिन अब तक कुछ विभागों से जानकारी नहीं मिल पाई है। बिजली बोर्ड के पास जो सीमित डेटा उपलब्ध है, उसके अनुसार फरवरी में बिना सब्सिडी वाले बिल उपभोक्ताओं को भेजे जाएंगे।
सब्सिडी छोड़ने वाले उपभोक्ता भी शामिल
प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जनता से अपील की थी कि जिन उपभोक्ताओं की आर्थिक स्थिति बेहतर है, वे बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी को छोड़ दें। इस अपील के बाद प्रदेश के 1000 से ज्यादा उपभोक्ताओं ने स्वेच्छा से सब्सिडी छोड़ने का निर्णय लिया है। इन उपभोक्ताओं को भी फरवरी से बिना सब्सिडी के बिजली बिल मिलने लगेंगे।
सैन्य अधिकारियों को बिजली पर कोई छूट नहीं मिलेगी
सरकार ने अब हिमाचल में तैनात मिलिट्री और पैरामिलिट्री अधिकारियों की बिजली सब्सिडी भी खत्म कर दी है। इससे शिमला समेत अन्य इलाकों में कार्यरत सैन्य अधिकारियों को अब सरकारी आवास में लगे बिजली मीटर पर सब्सिडी नहीं मिलेगी। ये अधिकारी भी फरवरी से बिना सब्सिडी वाले बिल चुकाने के लिए बाध्य होंगे।
किन सरकारी कर्मचारियों को नहीं मिलेगी बिजली सब्सिडी?
हिमाचल प्रदेश सरकार ने ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को भी इस दायरे में शामिल किया है। इनमें वे कर्मचारी भी शामिल हैं जो पहले श्रेणी-1 और श्रेणी-2 में आते थे।
इसके अलावा, हिमाचल में निवास कर रहे केंद्र सरकार के बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय, और राज्य/केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के ग्रुप-ए और ग्रुप-बी के कर्मचारियों को भी अब बिजली पर कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी।
सेवानिवृत्त सैन्य और अर्ध-सैन्य बलों के अधिकारियों को भी झटका
यह नियम केवल सेवारत अधिकारियों पर ही नहीं बल्कि सैन्य और अर्ध-सैन्य बलों से सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों पर भी लागू होगा। इसका मतलब है कि वे पूर्व सैन्यकर्मी जो अभी हिमाचल प्रदेश में रह रहे हैं, उन्हें भी बिना सब्सिडी के बिजली बिल अदा करने होंगे।
15 फरवरी तक ई-केवाईसी जरूरी
हिमाचल प्रदेश सरकार ने 15 फरवरी तक सभी उपभोक्ताओं को ई-केवाईसी (e-KYC) करवाने का अल्टीमेटम दिया है। जो उपभोक्ता इस समय सीमा के भीतर ई-केवाईसी नहीं करवाएंगे, वे 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा से भी वंचित हो जाएंगे।
कैसे कराएं ई-केवाईसी?
ई-केवाईसी करवाने के लिए उपभोक्ताओं को अपने बिजली कनेक्शन के लिए आधार नंबर को लिंक कराना होगा। यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी की जा सकती है और नजदीकी बिजली कार्यालय में जाकर भी पूरी की जा सकती है।
कैसे प्रभावित होंगे उपभोक्ता?
इस फैसले का सीधा असर उन सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर पड़ेगा, जिन्हें अब तक सब्सिडी का लाभ मिल रहा था। बिना सब्सिडी वाले बिल मिलने के कारण उनकी मासिक बिजली लागत बढ़ जाएगी।
क्या आम जनता पर भी पड़ेगा असर?
फिलहाल यह नियम केवल सरकारी अधिकारियों, सैन्य अधिकारियों और कुछ विशेष वर्गों के उपभोक्ताओं पर लागू किया गया है। आम घरेलू उपभोक्ताओं को अभी तक इससे अलग रखा गया है। हालांकि, भविष्य में सरकार यदि बिजली सब्सिडी को पूरी तरह खत्म करने का फैसला लेती है, तो इसका असर सभी पर पड़ सकता है।
सरकारी कर्मचारियों में नाराजगी
सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में इस फैसले को लेकर नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि महंगाई बढ़ रही है और सरकार की यह नीति उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रही है।