Electricity department: दीपनगर बिजली पावर हाउस के अंतर्गत शुक्रवार को तीन बड़े बिजली बकायेदारों के कनेक्शन काट दिए गए। बिजली विभाग के अधिकारियों ने यह कार्रवाई बकाया भुगतान न करने पर की। इनमें विंध्य स्टोन पथरौर पर ₹6,86,816, फूलचंद गुप्ता पर ₹1,10,090 और आर्या विंध्य सागर आईटीआई पर ₹3,02,401 का बकाया था। इन उपभोक्ताओं द्वारा बार-बार नोटिस भेजे जाने के बावजूद बकाया जमा नहीं किया गया, जिसके चलते एसडीओ सुमित कुमार यादव, अवर अभियंता रमा शंकर और उनकी टीम ने मौके पर पहुंचकर बिजली कनेक्शन काटने की कार्रवाई की।
गर्मी मे ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ाई गई
एसडीओ सुमित कुमार यादव ने बताया कि गर्मी के मौसम में बढ़ने वाली बिजली की मांग को देखते हुए पावर हाउस क्षेत्र में 16 ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढ़ाई गई है। इससे उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी। गर्मी के दिनों में लोड बढ़ने के कारण बार-बार फाल्ट की समस्या होती है, लेकिन ट्रांसफार्मर की क्षमता बढ़ोतरी से इस समस्या को कम किया जाएगा।
ओटीएस योजना से बकायेदारों को मिल रहा लाभ
बिजली विभाग द्वारा बकाया भुगतान में छूट देने के लिए ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) योजना चलाई जा रही है। यह योजना 15 फरवरी तक लागू रहेगी, जिसके तहत उपभोक्ता अपना बकाया भुगतान कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत शुक्रवार को 170 उपभोक्ताओं ने अपने बकाए का निपटारा किया, जिससे विभाग को ₹35,000 की राशि प्राप्त हुई। विभाग के अधिकारियों ने अन्य बकायेदारों से भी अपील की है कि वे इस योजना का लाभ उठाकर अपने बकाए का शीघ्र भुगतान करें, जिससे उनके कनेक्शन कट होने से बच सकें।
बिना केबल लगाए उपभोक्ताओं से सिग्नचर कराए जा रहे
सोनभद्र जिले में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया विवादों में घिरती नजर आ रही है। कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि बिजली विभाग द्वारा स्मार्ट मीटर लगाने के दौरान बिना केबल लगाए ही उनसे साइन करा लिए गए। बाद में जब विभाग ने 20 मीटर तक मुफ़्त केबल लगाने की जानकारी दी, तो उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया।
उपभोक्ताओं के घर लगाए जाने हैं स्मार्ट मीटर
जिले में बिजली आपूर्ति को आधुनिक बनाने के लिए प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की योजना चल रही है। अगले तीन साल में 3.20 लाख उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन इस योजना के तहत हो रहे काम में अनियमितताओं की शिकायतें सामने आ रही हैं।
राबर्ट्सगंज का नगरीय क्षेत्र
राबर्ट्सगंज के शहरी क्षेत्र में 18,000 उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। विभाग ने इस कार्य को दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक केवल 11,000 उपभोक्ताओं के घरों में ही मीटर लगाए जा सके हैं। उपभोक्ताओं का आरोप है कि कार्यदायी संस्था जीएमआर के कर्मचारी मीटर तो लगा रहे हैं, लेकिन 20 मीटर तक केबल दिए बिना ही फॉर्म पर उपभोक्ताओं के हस्ताक्षर करवा रहे हैं।
विभाग से की जांच की मांग
बिजली विभाग की इस प्रक्रिया से उपभोक्ता खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। अब जब उन्हें पता चला कि विभाग 20 मीटर केबल मुफ़्त उपलब्ध कराता है, तो वे अपने साथ हुए इस धोखे के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। कई उपभोक्ताओं ने अवर अभियंता को पत्र लिखकर मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
मीटर रीडिंग न समझ पाने से बिजली बिल जमा करने में हो रही परेशानी
कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि बिना केबल लगाए स्मार्ट मीटर लगाने से उन्हें बिजली बिल की रीडिंग समझने में कठिनाई हो रही है। इससे बिजली बिल जमा करने में भी दिक्कत आ रही है।
11 अगस्त को मीटर बदला लेकिन केबल नहीं जोड़ी गई
राबर्ट्सगंज निवासी एक उपभोक्ता ने बताया कि 11 अगस्त को उनके पुराने मीटर को बदलकर नया स्मार्ट मीटर लगाया गया, लेकिन इसके साथ 20 मीटर निशुल्क केबल नहीं जोड़ी गई। इसके कारण वह मीटर की सही रीडिंग नहीं देख पा रहे हैं, जिससे बिजली बिल जमा करने में दिक्कत आ रही है।
बिजली विभाग के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे उपभोक्ता
कई उपभोक्ता इस समस्या के समाधान के लिए बिजली विभाग के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। हालांकि, अभी तक उन्हें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जा रहा था, तब उन्हें मुफ़्त केबल दिए जाने की जानकारी नहीं दी गई।