खाद की कीमतों में 250 रूपए की हुई बढ़ोतरी, अब किसानों को देने पड़ेंगे इतने रूपए Fertilizer Price hiked

Fertilizer Price hiked: हिमफेड द्वारा बेची जाने वाली एनपीके (12-32-16) खाद की कीमतों में भारी उछाल आया है. जो खाद पहले 50 किलो की बोरी 1470 रुपये में मिलती थी वह अब 1720 रुपये की हो गई है. इस बढ़ोतरी ने किसानों की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर डाला है.

खाद की महत्वपूर्णता और उपयोगिता

एनपीके खाद में मौजूद तीनों पोषक तत्व (nutrient essentials) सेब के पेड़ों सहित विभिन्न प्रकार की फसलों के लिए अत्यधिक जरूरी होते हैं. हिमाचल प्रदेश में सेब उत्पादक (apple producers in Himachal Pradesh) इस खाद को ‘जादू’ की तरह मानते हैं, क्योंकि इसके बिना फसलों की उपज में काफी कमी आ सकती है.

किसानों पर पड़ रहा वित्तीय बोझ

खाद की कीमतों में हुई इस बढ़ोतरी से किसानों को अपने बजट में बड़े बदलाव करने पड़े हैं. पहले की तुलना में अब हर बोरी खाद पर 250 रुपये अधिक (additional cost per bag) खर्च करना पड़ रहा है, जो कि उनके लिए एक बड़ा आर्थिक फटका है.

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सरकारी नीतियों की भूमिका

इस वृद्धि के पीछे विभिन्न कारक हो सकते हैं, जैसे कि वैश्विक बाजार में कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि, आयात पर निर्भरता, और सरकारी सब्सिडी में कमी. सरकार की तरफ से इन कठिनाइयों का समाधान करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है.

किसानों के लिए आगे का रास्ता

इस स्थिति का मुकाबला करने के लिए किसानों को और अधिक सूचित और संगठित होने की जरूरत है. उन्हें उपलब्ध सब्सिडी और अन्य सरकारी सहायता कार्यक्रमों का लाभ उठाने के लिए आवेदन करना चाहिए. इसके अलावा, वैकल्पिक खाद और जैविक खेती (organic farming alternatives) की ओर रुख करना भी एक समझदारी भरा कदम हो सकता है.

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