Schools Ban Ponytails: लड़के हों या लड़कियां अपने बालों से हर किसी को लगाव होता है. खासतौर पर लड़कियां अपने बालों को लेकर बेहद सजग और सतर्क रहती हैं. लंबे बालों को संवारने और सुरक्षित रखने के लिए लड़कियां अक्सर चोटी बनाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा देश भी है जहां स्कूल में लड़कियों के चोटी बांधने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है? यह अनोखा नियम जापान के स्कूलों में लागू है.
जापान में चोटी बांधने पर क्यों है पाबंदी?
जापान में लड़कियों के स्कूलों में चोटी बांधने पर रोक का कारण काफी चौंकाने वाला है. रिपोर्ट्स के मुताबिक जापान में लड़कियों की सिंगल चोटी या पोनीटेल को पुरुषों के लिए उत्तेजित करने वाला माना गया है. यह तर्क दिया गया है कि सिंगल चोटी बांधने से लड़कियों की गर्दन दिखाई देती है. जिससे लड़के उत्तेजित महसूस कर सकते हैं.
सर्वे से हुआ खुलासा
साल 2020 में जापान के फुकुओका इलाके में कई स्कूलों में एक सर्वे किया गया. इस सर्वे से यह निष्कर्ष निकाला गया कि सिंगल चोटी बांधने के बाद लड़कियों की गर्दन का हिस्सा खुला रहता है, जो लड़कों को ध्यान आकर्षित करता है. इसके चलते स्कूल प्रशासन ने यह फैसला लिया कि लड़कियां स्कूल में सिंगल चोटी या पोनीटेल बनाकर नहीं आएंगी.
जापान के स्कूलों में अन्य अनोखे नियम
सिंगल चोटी पर पाबंदी के अलावा, जापान के स्कूलों में लड़कियों के लिए कई और सख्त नियम लागू हैं.
- लड़कियां अपने बालों को कलर नहीं कर सकतीं.
- केवल बालों के नेचुरल कलर की अनुमति है.
- लड़कियों को ऐसे कपड़े पहनने की इजाजत नहीं है, जो नियमों के खिलाफ हों.
- नाखून और मेकअप पर भी सख्त पाबंदी है.
सुरक्षा या सख्ती
जापान के स्कूलों में लागू इन नियमों पर कई बार बहस हुई है. कुछ लोगों का मानना है कि यह लड़कियों की सुरक्षा के लिए एक सही कदम है. वहीं, दूसरी ओर, कई लोगों का कहना है कि यह नियम लड़कियों की आजादी और उनके व्यक्तिगत अधिकारों को सीमित करता है. विशेषज्ञों का कहना है कि स्कूलों को लड़कियों की सुरक्षा के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए. न कि ऐसे नियम लागू करने चाहिए जो उनके आत्मविश्वास को प्रभावित करें.
क्या है जापानी समाज की सोच?
जापान के समाज में अनुशासन और नियमों को प्राथमिकता दी जाती है. स्कूलों में सख्त नियम लागू करना वहां के समाज का हिस्सा है. जापानी स्कूलों में बच्चों के पहनावे, हेयरस्टाइल और आचरण को लेकर काफी सख्ती होती है. इसे समाज में अनुशासन बनाए रखने का एक तरीका माना जाता है.
दुनिया भर में स्कूलों के नियमों की तुलना
दुनिया के अन्य देशों में भी स्कूलों के अपने-अपने नियम हैं. लेकिन जापान में सिंगल चोटी या पोनीटेल पर प्रतिबंध जैसे नियम अनोखे और चर्चा का विषय बन गए हैं.
- भारत में स्कूलों में बालों को संवारने के नियम तो हैं, लेकिन इस तरह के प्रतिबंध नहीं हैं.
- अमेरिका और यूरोपीय देशों में छात्रों को पहनावे और हेयरस्टाइल में अधिक आजादी दी जाती है.
बालों पर पाबंदी का मनोवैज्ञानिक असर
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के नियम लड़कियों के आत्मसम्मान और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं. बाल किसी भी व्यक्ति की पहचान और व्यक्तित्व का हिस्सा होते हैं. इन पर पाबंदी लगाने से बच्चों में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है.