Union Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश करते हुए कई ऐसे ऐलान किए जो सीधे तौर पर टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद साबित होंगे. इनमें से एक बड़ा ऐलान घर के मालिकाना हक से जुड़ा हुआ है. अब टैक्सपेयर बिना किसी शर्त के खुद के कब्जे वाली दो संपत्तियों का वार्षिक मूल्य शून्य बता सकते हैं. इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जिनके पास दो घर हैं और वे इसके लिए अतिरिक्त कर का भुगतान कर रहे थे.
अब बिना शर्त मिलेगी छूट, पहले थी कई पाबंदियां
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि वर्तमान में टैक्सपेयर केवल कुछ शर्तों को पूरा करने पर ही अपनी स्वामित्व वाली संपत्तियों का वार्षिक मूल्य शून्य बता सकते थे. इससे कई लोगों को परेशानी होती थी. खासकर उन लोगों को जिनके पास दो घर हैं. लेकिन वे एक ही शहर में नहीं रहते हैं. सरकार ने अब यह नियम आसान कर दिया है. जिससे टैक्सपेयर को दो घरों पर बिना किसी शर्त के इस लाभ का फायदा मिलेगा.
आयकर अधिनियम की धारा 23 में संशोधन का प्रस्ताव
सरकार ने इस छूट को लागू करने के लिए आयकर अधिनियम की धारा 23 की उप-धारा (2) में संशोधन का प्रस्ताव दिया है. यह धारा आवासीय संपत्तियों के वार्षिक मूल्य निर्धारण से जुड़ी हुई है. बजट दस्तावेजों में कहा गया है कि यदि कोई घर मालिक अपने निवास के लिए संपत्ति का उपयोग कर रहा है या किसी अन्य जगह पर नौकरी, व्यवसाय या पेशे के कारण रह रहा है, तो ऐसी स्थिति में उसकी स्वामित्व वाली संपत्ति का वार्षिक मूल्य शून्य माना जाएगा.
किन्हें होगा इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा?
इस फैसले का सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा जिनके पास दो संपत्तियां हैं. लेकिन वे उनमें से किसी को किराए पर नहीं दे रहे हैं. पहले उन्हें दूसरी संपत्ति पर “आपराधिक किराया मूल्य” (Notional Rent) के आधार पर कर देना पड़ता था. अब इस नई घोषणा के बाद वे दो घरों पर इस कर से बच सकेंगे.
बजट में किराये पर टीडीएस की सीमा भी बढ़ाई गई
इसके अलावा, वित्त मंत्री ने किराये पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) की मौजूदा सालाना सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का प्रस्ताव रखा है. इसका सीधा फायदा उन लोगों को होगा जो किराये से कमाई करते हैं या जिनके किराये से जुड़े लेन-देन में टीडीएस कटता है.
किराये पर टीडीएस की सीमा बढ़ाने से क्या होगा फायदा?
- पहले अगर किसी व्यक्ति का किराया सालाना 2.4 लाख रुपये से अधिक होता था, तो उसे टीडीएस कटौती झेलनी पड़ती थी.
- अब यह सीमा बढ़कर 6 लाख रुपये हो गई है. जिससे छोटे मकान मालिकों को बड़ी राहत मिलेगी.
- किराये पर अधिक कर लगने के डर से कई लोग अपनी संपत्ति किराए पर नहीं देते थे. अब वे इसे खुलकर किराए पर दे सकेंगे.
सरकार के इस फैसले से बाजार पर क्या असर पड़ेगा?
इस फैसले का रियल एस्टेट सेक्टर और किराये के बाजार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. चूंकि अब दो स्वामित्व वाली संपत्तियों का वार्षिक मूल्य शून्य रहेगा और किराये पर टीडीएस की सीमा बढ़ा दी गई है, इसलिए लोग ज्यादा से ज्यादा संपत्तियां खरीदने और उन्हें उपयोग में लाने के लिए प्रेरित होंगे.
क्या निवेशकों को भी होगा फायदा?
जी हां, इस निर्णय से उन निवेशकों को भी फायदा मिलेगा जो रियल एस्टेट में निवेश करके किराये से आय अर्जित करते हैं. अब वे अपने निवेश को लेकर ज्यादा लचीला रुख अपना सकते हैं और नए प्रॉपर्टी डील्स में निवेश कर सकते हैं.
कौन से अन्य टैक्स बेनिफिट्स मिल सकते हैं?
- होम लोन ब्याज पर कटौती: सरकार पहले ही होम लोन ब्याज पर छूट देती है, इस नए ऐलान से घर खरीदना और आसान हो जाएगा.
- रियल एस्टेट निवेश पर टैक्स में राहत: टैक्स छूट के कारण लोग अधिक निवेश करने को प्रेरित होंगे.
- किरायेदारों को ज्यादा विकल्प मिलेंगे: मकान मालिक अब अधिक संपत्तियों को किराए पर देने के लिए इच्छुक होंगे.
क्या इस फैसले में कोई शर्त है?
सरकार ने यह साफ कर दिया है कि यह लाभ केवल दो संपत्तियों तक ही सीमित रहेगा. यदि किसी व्यक्ति के पास तीन या अधिक संपत्तियां हैं, तो उसे तीसरी संपत्ति पर कर देना होगा.