Hydrogen Truck: केंद्र सरकार ने नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत बस और ट्रकों को हाइड्रोजन ईंधन से चलाने के लिए पांच पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की है. यह कदम भारत को नवीन ऊर्जा स्रोतों की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए उठाया गया है.
पायलट प्रोजेक्ट्स की खासियत
इन पायलट प्रोजेक्ट्स के तहत कुल 37 वाहनों को हाइड्रोजन फ्यूल सेल्स (hydrogen fuel cells) और हाइड्रोजन इंजन के साथ संचालित किया जाएगा. ये वाहन दिल्ली-आगरा, भुवनेश्वर-कोणार्क जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण मार्गों पर चलाए जाएंगे, जिससे इन तकनीकों की व्यावहारिकता का परीक्षण किया जा सके.
भागीदार कंपनियां और वित्तीय योजना
टाटा मोटर्स, रिलायंस, और अशोक लीलैंड जैसी प्रमुख कंपनियां इन प्रोजेक्ट्स में भाग ले रही हैं. सरकार ने इन प्रोजेक्ट्स के लिए 208 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि परियोजना 18 से 24 महीनों के भीतर पूरी हो.
पर्यावरणीय लाभ और भविष्य की संभावनाएँ
हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाले वाहन पर्यावरण के लिए कम हानिकारक हैं क्योंकि इनसे कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है. यह तकनीक भारत को पारंपरिक ईंधन स्रोतों से मुक्ति दिलाने और एक स्वच्छ, हरित भविष्य की ओर अग्रसर करने में मदद कर सकती है.