Govt Action: हरियाणा राज्य में ऐसे 487 स्कूलों की पहचान हुई है जहां एक भी शिक्षक नहीं है. यह खुलासा हाल ही में मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित रेशनेलाइजेशन कैंपेन से हुआ. यह जानकारी सामाजिक और शैक्षिक ढांचे पर प्रश्न उठाती है कि आखिर कैसे इतने स्कूल बिना शिक्षकों के चल रहे हैं.
छात्र-शिक्षक अनुपात में विसंगति
वर्तमान में हरियाणा के 8,185 सरकारी विद्यालयों में लगभग 7 लाख 18 हजार छात्र नामांकित हैं जिनके लिए केवल 25,762 शिक्षक उपलब्ध हैं, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर बड़े सवाल खड़े करता है. इससे छात्र-शिक्षक अनुपात (student-teacher ratio) में गंभीर असंतुलन स्पष्ट होता है.
जिलेवार शिक्षक विहीन स्कूलों की स्थिति
यमुनानगर में सबसे अधिक शिक्षक विहीन स्कूलों की संख्या है, जो 79 है. पंचकूला और कुरुक्षेत्र के बाद की स्थिति भी कम चिंताजनक नहीं है. यह स्थिति राज्य में शिक्षा के प्रति अपनाई गई नीतियों पर पुनर्विचार की मांग करती है.
शिक्षकों की कमी और समाधान की दिशा
हरियाणा प्राथमिक अध्यापक संघ (Haryana Primary Teachers’ Association) के प्रदेशाध्यक्ष हरिओम राठी ने सरकार से मांग की है कि शिक्षकों के पदों का नवीनीकरण और पुनर्वितरण किया जाए ताकि इन शिक्षक विहीन स्कूलों में भी शिक्षा की गुणवत्ता बनी रहे.
बंद होने जा रहे स्कूल और सरकारी योजनाएं
सरकार ने बंद स्कूलों के छात्रों को नजदीकी स्कूलों में स्थानांतरित करने की योजना बनाई है और इसके लिए परिवहन सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी. यह कदम छात्रों की शैक्षिक यात्रा को अधिक सुगम बनाने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है.
यह सब जानकारी उन चुनौतियों को उजागर करती है जिनका सामना हरियाणा के शैक्षणिक तंत्र को करना पड़ रहा है और साथ ही यह भी दर्शाती है कि समाधान के लिए प्रयास जारी हैं.