Driving License: भारत में वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता होती है, जो व्यक्ति को सरकारी अनुमति मिलती है. इसे लेने के लिए आवेदक को पहले अपनी योग्यता दिखानी पड़ती है जिसमें उम्र की निर्धारित सीमा और ड्राइविंग टेस्ट पास करना शामिल है. इस परीक्षा के सफल समापन पर ही ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाता है.
लाइसेंस की वैधता और रिनेव
ड्राइविंग लाइसेंस की एक खास वैधता होती है जो मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत निर्धारित होती है. लाइसेंस की वैधता समाप्त होने पर इसे नवीनीकृत (लाइसेंस नवीनीकरण प्रक्रिया) [license renewal process] कराना आवश्यक है. नवीनीकरण न कराने पर जुर्माना लग सकता है, और यह ड्राइविंग के लिए आवश्यक वैधता बनाए रखने की प्रक्रिया का हिस्सा है.
ड्राइविंग लाइसेंस लेने की प्रक्रिया
ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक को विभिन्न चरणों से गुजरना पड़ता है. सबसे पहले, लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाता है, जिसके बाद रोड टेस्ट (रोड परीक्षण) [road test] पास करने पर परमानेंट लाइसेंस जारी किया जाता है. इस प्रक्रिया में कॉमर्शियल वाहनों के लिए अलग से कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस भी शामिल होता है.
ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता और उसका नवीनीकरण
ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता सामान्यतः 20 साल की होती है, या जब तक लाइसेंस धारक की उम्र 40 साल न हो जाए. 40 साल की उम्र के बाद, लाइसेंस हर 10 साल में नवीनीकृत किया जाता है और इसके लिए विशेष दिशा-निर्देश और प्रक्रियाएं होती हैं.
ड्राइविंग लाइसेंस की समयावधि समाप्ति के बाद क्या करें?
यदि ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता समाप्त हो गई है, तो इसे नवीनीकृत कराने के लिए निश्चित समय सीमा के भीतर आवेदन करना होता है. इस समयावधि के दौरान नवीनीकरण न कराने पर जुर्माना लग सकता है और कभी-कभी लाइसेंस रद्द भी हो सकता है.