Haryana Kisaan: हरियाणा की सैनी सरकार ने आलू उत्पादक किसानों को राहत देने के लिए भावांतर भरपाई योजना का लाभ देने का फैसला लिया है। इस योजना के तहत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें फसल की कीमतों में गिरावट के कारण होने वाले नुकसान से बचाया जा सके। सरकार द्वारा 2023-24 के बकाया 46.34 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही किया जा चुका है।
किसानों को क्यों मिली यह राहत?
कृषि क्षेत्र में मूल्य अस्थिरता किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। कई बार उत्पादन अधिक होने के कारण फसलों की कीमतें गिर जाती हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने यह योजना लागू की, ताकि किसानों को मंडियों में कम कीमत मिलने पर भी उचित समर्थन मिल सके।
21 बागवानी फसलें योजना में शामिल
इस योजना के तहत कुल 21 बागवानी फसलें शामिल की गई हैं, जिनमें 5 फल, 14 सब्जियां और 2 मसाला फसलें शामिल हैं। इन फसलों का संरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाता है, जिससे किसानों को उचित मुआवजा मिल सके।
कोल्ड स्टोरेज विकल्प से किसानों को राहत
किसानों को सलाह दी गई है कि यदि आलू का बाजार भाव गिरता है, तो वे अपनी फसल को कोल्ड स्टोरेज में रख सकते हैं। इससे उन्हें उचित मूल्य मिलने तक फसल को सुरक्षित रखने की सुविधा मिलेगी और उन्हें तुरंत नुकसान उठाने की जरूरत नहीं होगी।
संरक्षित मूल्य और आर्थिक सहायता का लाभ
भावांतर भरपाई योजना में बागवानी फसलों की उत्पादन लागत के आधार पर संरक्षित मूल्य निर्धारित किया जाता है। यदि मंडियों में इन फसलों का बिक्री मूल्य इस निर्धारित मूल्य से कम होता है, तो अंतर की भरपाई प्रोत्साहन सहायता राशि के रूप में की जाती है। इससे किसानों को बाजार की अस्थिरता से बचाने में मदद मिलती है।
कितने किसानों को अब तक हुआ फायदा?
अब तक इस योजना के तहत 3,15,614 किसानों ने 7,02,220 एकड़ क्षेत्र का रेजिस्ट्रैशन करवाया है। सरकार ने 24,385 किसानों को 110 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता राशि दी है। यह योजना किसानों को आर्थिक रूप से सुरक्षित करने में सहायक साबित हो रही है।
योजना का लाभ कैसे लें?
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपनी फसल का रेजिस्ट्रैशन‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर करना होता है। यह एक सरकारी पोर्टल है जहां किसान अपनी फसल से जुड़ी जानकारी दर्ज कर सकते हैं और सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
भावांतर भरपाई योजना से किसानों को क्या फायदा?
- बाजार में मूल्य गिरने पर मुआवजा – किसानों को यदि बाजार में कम कीमत मिलती है तो सरकार अंतर की भरपाई करती है।
- बागवानी फसलों को अधिक संरक्षण – फलों, सब्जियों और मसाला फसलों को योजना में शामिल किया गया है, जिससे किसानों को अधिक लाभ मिल सके।
- कोल्ड स्टोरेज की सुविधा – किसानों को सलाह दी गई है कि वे बाजार भाव गिरने की स्थिति में अपनी फसल को कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रखें।
- रेजिस्ट्रैशन प्रक्रिया आसान – ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल के माध्यम से किसान आसानी से अपनी फसल का रेजिस्ट्रैशन कर सकते हैं।
कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार के प्रयास
हरियाणा सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार नई योजनाएं लागू कर रही है। सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और उनकी इनकम में बढ़ोतरी करना है। भावांतर भरपाई योजना उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों को वित्तीय स्थिरता प्रदान करती है।