Amritsar Jamnagar Expressway: पंजाब से गुजरात का सफर अब आसान और तेज होने वाला है. भारत के दूसरे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे का निर्माण तेजी से हो रहा है. इस परियोजना के अगले साल तक पूरा होने की संभावना है. यह एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे चार प्रमुख राज्यों को जोड़ेगा. जिससे लाखों लोगों को लाभ होगा.
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत हो रहा निर्माण
यह एक्सप्रेसवे भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है. यह परियोजना देश के प्रमुख शहरों और राज्यों को बेहतर सड़कों और कनेक्टिविटी के जरिए जोड़ने की एक बड़ी योजना है. अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे इसका अहम हिस्सा है. 1,224 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का 915 किलोमीटर हिस्सा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट पर आधारित है, जो पर्यावरण के अनुकूल और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके बनाया जा रहा है.
26 घंटे का सफर घटकर 13 घंटे रह जाएगा
अमृतसर से जामनगर के बीच की दूरी को तय करने में पहले जहां 26 घंटे लगते थे, वहीं इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यह सफर मात्र 13 घंटे में पूरा हो जाएगा. इसका मतलब है कि समय, ईंधन और ऊर्जा की बड़ी बचत होगी. यह व्यापार, पर्यटन और यातायात के लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा.
4 से 6 लेन का होगा एक्सप्रेसवे
इस एक्सप्रेसवे को 4 से 6 लेन का बनाया जा रहा है. इससे अधिक गाड़ियों को एक साथ यात्रा करने की सुविधा होगी और यातायात जाम की समस्या खत्म हो जाएगी. गाड़ियों की गति और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक्सप्रेसवे पर अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
किन-किन राज्यों को मिलेगा फायदा?
यह एक्सप्रेसवे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे चार राज्यों को सीधे जोड़ता है.
- पंजाब: अमृतसर जैसे ऐतिहासिक और व्यापारिक केंद्र को यह एक्सप्रेसवे तेजी से जोड़ने में मदद करेगा.
- हरियाणा: कृषि और औद्योगिक क्षेत्र को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी.
- राजस्थान: पर्यटन और व्यापार के लिए यह एक बड़ा फायदा साबित होगा.
- गुजरात: औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी, जिससे आर्थिक विकास होगा.
व्यापार और औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा
इस एक्सप्रेसवे से चारों राज्यों के बीच व्यापार और औद्योगिक गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी.
- परिवहन में तेजी: व्यापारिक वस्तुओं की ढुलाई आसान और सस्ती होगी.
- पर्यटन में इजाफा: अमृतसर, जो अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है, और जामनगर, जो अपने औद्योगिक क्षेत्र के लिए प्रसिद्ध है, दोनों जगहों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी.
- निर्यात को बढ़ावा: गुजरात का जामनगर बंदरगाह और राजस्थान के औद्योगिक क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए बड़ी भूमिका निभाएंगे.
पर्यावरण के अनुकूल होगा ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट
अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे का 915 किलोमीटर हिस्सा ग्रीनफील्ड एलाइनमेंट पर आधारित होगा. इसका मतलब है कि इसे नए सिरे से डिजाइन और विकसित किया जा रहा है. ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट्स का मुख्य उद्देश्य है:
- पर्यावरण संरक्षण.
- प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग.
- आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर निर्माण.
रोजगार के अवसरों में वृद्धि
इस परियोजना के निर्माण के दौरान हजारों लोगों को रोजगार मिला है. एक्सप्रेसवे के बनने के बाद भी इसके रखरखाव और उससे जुड़े अन्य क्षेत्रों में रोजगार के कई अवसर उत्पन्न होंगे.
यात्रा अनुभव होगा बेहतर
अत्याधुनिक सुविधाओं और साफ-सुथरी सड़कों के कारण यात्रा का अनुभव पहले से कहीं बेहतर होगा. एक्सप्रेसवे पर रेस्ट स्टॉप, फूड प्लाजा, पेट्रोल पंप और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
अगला साल लाएगा नया सफर
अगले साल तक इस एक्सप्रेसवे के पूरा होने की उम्मीद है. इसके साथ ही न केवल समय की बचत होगी. बल्कि चारों राज्यों के बीच संपर्क और व्यापारिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी.