Haryana Land Registry: हरियाणा सरकार ने जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल करने का फैसला लिया है, जिससे अब लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब यह काम प्रॉपर्टी आईडी (Property ID) के आधार पर होगा, जिससे प्रक्रिया सरल और तेज होगी। इस नई व्यवस्था से सबसे पहले सोनीपत और करनाल जिले के लोगों को फायदा मिलेगा।
डिजिटल सिस्टम से होगी रजिस्ट्री
पहले जमीन रजिस्ट्री करवाने में महीनों लग जाते थे और गलती होने पर कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन अब यह पूरी प्रक्रिया डिजिटल हो रही है, जिससे यह काम मिनटों में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा, इस सिस्टम से धोखाधड़ी के मामलों में भी कमी आएगी।
कैसे बदलेगा जमीन रजिस्ट्री का तरीका?
नए नियमों के तहत, अब किसी भी जमीन की रजिस्ट्री सिर्फ प्रॉपर्टी आईडी के आधार पर होगी। यानी, अब नामांतरण (Mutation Process) या पुराने रिकॉर्ड खंगालने की जरूरत नहीं होगी। यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जो जमीन खरीदने-बेचने का प्लान बना रहे हैं।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नियम होंगे समान
पहले शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नियम थे, जिसके कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई समस्याएं आती थीं। कुछ लोग नियमों का गलत फायदा उठाकर अवैध तरीके से रजिस्ट्री करवा लेते थे। लेकिन अब सरकार ने इन लूपहोल्स को खत्म कर दिया है, जिससे गलत तरीके से रजिस्ट्री कराने वालों पर रोक लगेगी।
प्रॉपर्टी का डिजिटल रिकॉर्ड होगा तैयार
सरकार न केवल रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बना रही है, बल्कि शहरी क्षेत्रों की डिजिटल मैपिंग भी बड़े स्तर पर कर रही है। इस पहल से हर प्रॉपर्टी का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होगा, जिससे संपत्ति की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
नामांतरण की जरूरत नहीं होगी
एक बार जब डिजिटल मैपिंग पूरी हो जाएगी, तो नामांतरण (Mutation Process) की जरूरत नहीं रहेगी, क्योंकि सारा डेटा रेवेन्यू रिकॉर्ड से लिंक होगा। इससे पुराने कागजातों की खोजबीन में फंसे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
बिचौलियों पर लगेगी रोक
अब तक रजिस्ट्री प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि बिना किसी बिचौलिए के काम करवाना मुश्किल था। लोग सही जानकारी के अभाव में दलालों पर निर्भर रहते थे। लेकिन अब इस नई व्यवस्था के तहत लोग सीधे ऑनलाइन अपने दस्तावेज़ चेक कर सकते हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
कैसे काम करेगा नया रजिस्ट्री सिस्टम?
हरियाणा सरकार की इस नई डिजिटल प्रक्रिया में प्रॉपर्टी आईडी के माध्यम से रजिस्ट्री की जाएगी। इस सिस्टम में:
- सभी संपत्तियों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।
- नामांतरण प्रक्रिया को समाप्त किया जाएगा।
- जमीन का इतिहास ऑनलाइन देखा जा सकेगा।
- धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए रेवेन्यू रिकॉर्ड से डेटा लिंक किया जाएगा।
पारदर्शिता से बढ़ेगा जनता का विश्वास
सरकार की इस पहल से जनता का सरकारी सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा। अब किसी को “अरे भाई, एक जुगाड़ लगवा दो!” कहने की जरूरत नहीं होगी। नई व्यवस्था पारदर्शी होगी और हर प्रक्रिया ऑनलाइन होगी, जिससे कोई भी आसानी से अपने डॉक्यूमेंट्स देख सकेगा।
क्या होंगे इस बदलाव के प्रमुख लाभ?
- समय की बचत: महीनों लगने वाली रजिस्ट्री प्रक्रिया अब मिनटों में पूरी होगी।
- पैसों की बचत: दलालों और बिचौलियों को पैसे देने की जरूरत नहीं होगी।
- धोखाधड़ी पर लगाम: अवैध रजिस्ट्री के मामलों में कमी आएगी।
- डिजिटल रिकॉर्ड: प्रॉपर्टी से जुड़ी सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी।
- सरल प्रक्रिया: लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।