SPG Commando: भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) की होती है। यह एक स्पेशल सुरक्षा बल है, जिसे 1985 में गठित किया गया था। SPG का गठन प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए किया गया था। इस ग्रुप में खास रूप से प्रशिक्षित महिला और पुरुष कमांडो शामिल होते हैं। इनका चयन एक बेहद कठिन प्रक्रिया से होकर गुजरता है और इनकी ट्रेनिंग भी बहुत सख्त होती है। आइए जानते हैं कि महिला SPG कमांडो को किस तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है।
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) क्या है?
स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) भारत की एक प्रमुख सुरक्षा एजेंसी है, जिसे प्रधानमंत्री और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह देश के सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा बलों में से एक है। SPG कमांडो को स्पेशल हथियारों और अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया जाता है ताकि वे हर स्थिति में प्रधानमंत्री की सुरक्षा कर सकें।
SPG में भर्ती होने की प्रक्रिया
SPG में सीधी भर्ती का कोई प्रावधान नहीं है। इसमें शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को पहले ही किसी अन्य सुरक्षा बल जैसे कि भारतीय पुलिस सेवा (IPS), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), या केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का हिस्सा होना आवश्यक होता है। इसके बाद ही उन्हें SPG के लिए चुना जाता है।
महिला SPG कमांडो के लिए भर्ती प्रक्रिया
महिला SPG कमांडो बनने के लिए भी वही प्रक्रिया लागू होती है जो पुरुष कमांडो के लिए होती है। पहले उन्हें किसी अर्धसैनिक बल में भर्ती होना पड़ता है और फिर अपनी काबिलियत के आधार पर SPG में सिलेक्ट किया जाता है। इसके बाद उन्हें काफी कठिन ट्रैनिंग दी जाती है, जिसमें शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की परीक्षा होती है।
SPG में शामिल होने के लिए जरूरी योग्यता
SPG में शामिल होने के लिए उम्मीदवार को शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद मजबूत होना चाहिए। इसके अलावा, उनकी उम्र, फिटनेस, शारीरिक दक्षता और मानसिक सतर्कता को भी जांचा जाता है। SPG में चयनित होने के बाद कमांडो को कई तरह की चुनौतियों से गुजरना पड़ता है।
SPG कमांडो की ट्रेनिंग कैसी होती है?
SPG कमांडो की ट्रेनिंग दुनिया की सबसे कठिन ट्रेनिंग में से एक मानी जाती है। इसमें उम्मीदवारों को अत्यधिक सख्त शारीरिक और मानसिक टेस्ट से गुजरना पड़ता है।
1. दौड़ और सहनशक्ति टेस्ट
SPG कमांडो बनने के लिए उम्मीदवारों को लंबी दूरी की दौड़ और अन्य शारीरिक परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। यह उनकी सहनशक्ति और गति को परखने के लिए किया जाता है।
2. तैराकी और पानी में मुकाबला
SPG कमांडो को तैराकी और पानी में मुकाबले की ट्रेनिंग दी जाती है। किसी भी ईमर्जन्सी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह एक अनिवार्य कौशल है।
3. मार्शल आर्ट्स और हाथ से लड़ने की तकनीक
SPG कमांडो को कराटे, जूडो और अन्य मार्शल आर्ट्स सिखाए जाते हैं ताकि वे बिना हथियार के भी दुश्मन से लड़ सकें। यह ट्रैनिंग उन्हें आत्मरक्षा में कुशल बनाती है।
4. आधुनिक हथियारों की ट्रैनिंग
SPG कमांडो को अत्याधुनिक हथियारों जैसे कि असॉल्ट राइफल, पिस्टल, स्नाइपर गन और अन्य हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है।
5. मेंटली सतर्कता और प्रॉब्लेम मैनेजमेंट
SPG कमांडो को हर स्थिति में मानसिक रूप से सतर्क रहने की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें विभिन्न तरह के संकट प्रबंधन तकनीकों का अभ्यास कराया जाता है जिससे वे किसी भी हमले की स्थिति में प्रधानमंत्री की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।
6. अंधेरे में लड़ने की तकनीक
SPG कमांडो को नाइट ऑपरेशन और अंधेरे में लड़ने की तकनीक भी सिखाई जाती है। इसका उद्देश्य उन्हें किसी भी परिस्थिति में प्रभावी तरीके से मुकाबला करने के लिए तैयार करना है।
SPG कमांडो की वर्दी और सुरक्षा डिवाइस
SPG कमांडो को स्पेशल वर्दी और अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरण दिए जाते हैं। इनमें बुलेटप्रूफ जैकेट, हेलमेट, नाइट विजन डिवाइस, और अन्य हाई-टेक गैजेट्स शामिल होते हैं। इन डिवाइसों की मदद से वे किसी भी हमले का सामना कर सकते हैं।
SPG कमांडो की सैलरी और अन्य सुविधाएं
SPG कमांडो को उनकी सेवा के लिए आकर्षक वेतन और भत्ते दिए जाते हैं। उनकी मासिक सैलरी 84,000 रुपये से लेकर 2,40,000 रुपये तक होती है, जो उनके रैंक और अनुभव पर निर्भर करती है। इसके अलावा, उन्हें जोखिम भत्ता, चिकित्सा सुविधाएं, और अन्य सरकारी लाभ भी मिलते हैं।