Car Tyre Air: कार के टायर में सही एयर प्रेशर बेहद जरूरी होता है क्योंकि इससे न सिर्फ गाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित होती है बल्कि फ्यूल की बचत और टायर की लंबी उम्र भी प्रभावित होती है. सही एयर प्रेशर से गाड़ी का परफॉर्मेंस बढ़ता है और टायर जल्दी खराब नहीं होते.
टायर प्रेशर का वाहन प्रदर्शन पर असर
टायर का एयर प्रेशर सीधे तौर पर गाड़ी की स्पीड, फ्यूल दक्षता, ड्राइविंग अनुभव (driving experience), और सुरक्षा पर असर डालता है. कम या ज्यादा एयर प्रेशर से टायरों का असमान घिसाव होता है, जिससे वे जल्दी खराब हो सकते हैं और वाहन की ब्रेकिंग व स्टीयरिंग क्षमता प्रभावित होती है.
सही एयर प्रेशर की सिफारिशें
प्रत्येक कार निर्माता अपने मॉडल के लिए सही एयर प्रेशर की सिफारिश करता है, जो आमतौर पर 30 से 35 PSI के बीच होती है. यह मान वाहन के मॉडल और उसकी विशिष्टताओं के अनुसार भिन्न हो सकता है. इसकी जानकारी वाहन के मैनुअल बुक में दी गई होती है.
टायर प्रेशर की नियमित जांच
टायर के एयर प्रेशर की जांच महीने में कम से कम एक बार करनी चाहिए. टायर प्रेशर चेक करते समय यह सुनिश्चित करें कि टायर ठंडे हों, क्योंकि गर्म टायर में प्रेशर अधिक मापा जा सकता है. आधुनिक वाहनों में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) होता है जो निरंतर एयर प्रेशर को ट्रैक करता है और कमी होने पर चेतावनी देता है.
एयर प्रेशर को सही रखने की प्रक्रिया
फ्यूल स्टेशन पर नियमित रूप से टायर प्रेशर चेक करवाना चाहिए. यदि आप खुद से जांच करना चाहते हैं, तो टायर प्रेशर गेज का उपयोग कर सकते हैं. यह आपको टायर में एयर प्रेशर को सटीक रूप से मापने में मदद करेगा.
कम और ज्यादा एयर प्रेशर के दुष्प्रभाव
कम एयर प्रेशर से टायर का अधिक घिसाव होता है और फ्यूल एफिशिएंसी कम होती है. ज्यादा एयर प्रेशर से टायर के बीच का भाग अधिक घिसता है और ड्राइविंग के दौरान गाड़ी कम आरामदायक महसूस होती है.