Electricity Connections: हरियाणा में बिजली विभाग (Haryana Electricity Department) उन उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है. जिन्होंने एक ही मकान में दो या उससे ज्यादा बिजली कनेक्शन ले रखे हैं. दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) ने ऐसे सभी उपभोक्ताओं की पहचान कर अतिरिक्त कनेक्शन रद्द करने का फैसला लिया है.
बिजली निगम को हो रहा था बड़ा नुकसान
प्रदेश के बड़े शहरों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं. जहां लोग अपने बिजली बिल को कम करने के लिए एक से ज्यादा बिजली कनेक्शन ले रहे हैं. यह बिजली विभाग के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन रहा था. अब बिजली विभाग ने आदेश जारी कर ऐसे सभी कनेक्शनों की जांच करने का निर्णय लिया है.
किन उपभोक्ताओं पर होगी कार्रवाई?
बिजली विभाग ने उन घरेलू उपभोक्ताओं के लिए मासिक न्यूनतम शुल्क खत्म कर दिया था, जिनका कनेक्शन 2 किलोवाट तक था और जो 100 यूनिट तक बिजली की खपत कर रहे थे.
- इस सुविधा का फायदा उठाने के लिए कई लोगों ने एक ही मकान में अलग-अलग नाम से दो या अधिक बिजली कनेक्शन ले लिए.
- इससे बिजली विभाग को हर महीने करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था.
- अब विभाग ऐसे गलत तरीके से लिए गए कनेक्शनों को रद्द करेगा और इन उपभोक्ताओं से जुर्माना भी वसूलेगा.
बिजली मीटर होंगे बदले
बिजली विभाग पुराने बिजली मीटरों को बदलने की प्रक्रिया भी शुरू कर चुका है.
- दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (DHBVN) की कार्यकारी अधिकारी उर्मिला रानी ने बताया कि बिजली के दुरुपयोग को रोकने के लिए कई शहरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं.
- इससे बिजली उपभोक्ताओं की वास्तविक खपत का सही आंकलन किया जा सकेगा.
- पुराने मीटरों की जगह प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं को पहले भुगतान करना होगा और फिर बिजली इस्तेमाल कर सकेंगे.
बिजली विभाग की रणनीति
बिजली विभाग ने इस समस्या से निपटने के लिए एक विशेष रणनीति बनाई है:
- एक से ज्यादा कनेक्शन रखने वालों की पहचान करना – बिजली निगम अब डेटा एनालिटिक्स और बिलिंग पैटर्न की जांच करेगा.
- अतिरिक्त कनेक्शनों को रद्द करना – जिन उपभोक्ताओं ने अनुचित तरीके से कई कनेक्शन लिए हैं। उनके अतिरिक्त कनेक्शन काटे जाएंगे.
- जुर्माना लगाना – ऐसे उपभोक्ताओं से जुर्माना वसूला जाएगा और भविष्य में कनेक्शन देने के लिए कड़े नियम लागू किए जाएंगे.
- स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना – बिजली बिल की धांधली को रोकने के लिए प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे, जिससे उपभोक्ता उतनी ही बिजली इस्तेमाल कर सकेंगे. जितनी उन्होंने पहले से भुगतान की है.
बिजली चोरी रोकने के लिए सख्त कदम
बिजली विभाग का कहना है कि बिजली चोरी और अनधिकृत कनेक्शन की वजह से विभाग को हर साल भारी नुकसान उठाना पड़ता है.
- स्मार्ट मीटर लगाने से बिजली चोरी पर रोक लगाई जा सकेगी.
- हरियाणा में बड़े शहरों में विशेष अभियान चलाकर फर्जी कनेक्शन की जांच की जाएगी.
- बिजली चोरी पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
कैसे होगी उपभोक्ताओं की पहचान?
बिजली विभाग उपभोक्ताओं की पहचान करने के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करेगा.
- बिजली बिलिंग सिस्टम और आधार कार्ड से लिंक जानकारी को क्रॉस-चेक किया जाएगा.
- एक ही पते पर दो या अधिक कनेक्शन मिलने पर उनकी जांच की जाएगी.
- यदि कोई उपभोक्ता गलत तरीके से बिजली सब्सिडी का लाभ ले रहा है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
उपभोक्ताओं को कैसे करना चाहिए रजिस्ट्रेशन?
अगर किसी उपभोक्ता के पास गलती से दो कनेक्शन हैं, तो उन्हें बिजली विभाग से संपर्क कर सही जानकारी दर्ज करवानी होगी.
- उपभोक्ता अपने नजदीकी बिजली कार्यालय में जाकर अतिरिक्त कनेक्शन को सरेंडर कर सकते हैं.
- नया कनेक्शन लेने से पहले आधार कार्ड और बिजली बिल का सही वेरिफिकेशन करवाना होगा.
जुर्माना न लगे, इसके लिए क्या करें?
यदि किसी उपभोक्ता को लगता है कि उसके पास अनजाने में दो बिजली कनेक्शन हो गए हैं, तो उसे तुरंत बिजली विभाग से संपर्क करना चाहिए.
- अपने नाम और पते का वेरिफिकेशन करवाएं.
- यदि दो कनेक्शन हैं, तो उनमें से एक को सरेंडर करें.
- नियमों का पालन न करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.
बिजली विभाग का मकसद
बिजली विभाग इस कदम के जरिए:
- अनधिकृत बिजली कनेक्शन को रोकना.
- विभाग को होने वाले आर्थिक नुकसान को कम करना.
- सभी उपभोक्ताओं को समान रूप से बिजली सेवाओं का लाभ देना.
- स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर बिजली बिलिंग को पारदर्शी बनाना.
उपभोक्ताओं के लिए क्या हैं फायदे?
- जिन उपभोक्ताओं के पास वैध कनेक्शन होगा. उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी.
- असली उपभोक्ताओं को बिना किसी रुकावट के बिजली मिलेगी.
- बिजली चोरी और फर्जी कनेक्शन की समस्या दूर होगी.
- स्मार्ट मीटर से बिजली की खपत को नियंत्रित किया जा सकेगा.