Ceiling Fan Eletric: भारतीय घरों में पंखा एक आम डिवाइस है जिसे आमतौर पर गर्मी के मौसम में नॉन-स्टॉप चलाया जाता है. जब एयर कंडीशनर या कूलर का उपयोग नहीं होता, तब पंखों का उपयोग बढ़ जाता है. कई बार तेज हवा की आवश्यकता न होने पर उपभोक्ता पंखों की गति कम कर देते हैं यह सोचकर कि इससे बिजली की खपत कम हो जाएगी.
स्पीड नियंत्रण और बिजली बचत का तरीका
बहुत से लोगों का मानना है कि पंखे को धीमी गति पर चलाने से बिजली की खपत कम होती है और बिजली का बिल (Electricity Bill) भी कम आता है. हालांकि, यह सच नहीं है. जब पंखे की गति कम की जाती है, तो बिजली की खपत में अपेक्षित कमी नहीं आती क्योंकि रेगुलेटर (Fan Speed Regulator) का इस्तेमाल करने पर भी उपकरण कुछ बिजली खपत करता रहता है.
अलग अलग प्रकार के रेगुलेटर और उसका असर
पंखे की गति को कम या ज्यादा करने के लिए जो रेगुलेटर का उपयोग किया जाता है, उसका प्रकार बिजली की खपत पर बहुत प्रभाव डालता है. कुछ पुराने प्रकार के रेगुलेटर (Old Type Regulators) बिजली की खपत को नहीं घटाते, भले ही पंखे की गति कम हो. वहीं, कुछ आधुनिक रेगुलेटर जो ऊर्जा कुशल (Energy Efficient Regulators) होते हैं, वे पंखे की गति को नियंत्रित करते समय बिजली की खपत को कम करने में सक्षम होते हैं.
सच्चाई और उपभोक्ता के लिए मौका
यह जानना महत्वपूर्ण है कि पंखे की गति कम करने से बिजली की खपत में कमी आएगी या नहीं, यह पंखे के प्रकार और लगे रेगुलेटर पर निर्भर करता है. उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे ऐसे पंखे और रेगुलेटर चुनें जो ऊर्जा की बचत (Energy Saving) करने में मदद करें और लंबे समय में बिजली बिल को कम करने में सहायक हों.