Sunroof Illegal in India: मौजूदा समय में ऑटोमोबाइल कंपनियां कारों में बेहतरीन फीचर्स देने की होड़ में लगी हैं। अब छोटी और सस्ती कारों में भी वो फीचर्स दिए जा रहे हैं, जो पहले सिर्फ महंगी और लग्जरी कारों में मिलते थे। इनमें सबसे लोकप्रिय फीचर है सनरूफ, जो अब Tata Punch जैसी कॉम्पैक्ट एसयूवी में भी देखने को मिल रहा है। इसके अलावा, अब कंपनियां पैनारॉमिक सनरूफ भी दे रही हैं, जो लग्जरी कारों में एक खास फीचर माना जाता था।
सनरूफ का असली मकसद क्या है?
ऑटो कंपनियां सनरूफ को एक खास सुविधा के रूप में पेश करती हैं। इसका मुख्य उद्देश्य कार के अंदर हवा के बहाव को बनाए रखना होता है। थोड़े-थोड़े समय के लिए सनरूफ खोलने से गाड़ी के अंदर ताजी हवा का संचार होता है, जिससे अंदर बैठे यात्रियों को फ्रेशनेस महसूस होती है। हालांकि, कई लोग इसे गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
लग्जरी से आम फीचर तक का सफर
सनरूफ पहले सिर्फ लग्जरी कारों में देखने को मिलता था, लेकिन ऑटोमोबाइल कंपनियों ने इसे ज्यादा पोपुलर बनाने के लिए बजट सेगमेंट की गाड़ियों में भी देना शुरू कर दिया। अब Hyundai, Tata, Mahindra, और Maruti जैसी कंपनियां अपनी मिड-रेंज और कॉम्पैक्ट कारों में भी सनरूफ देने लगी हैं। इससे ग्राहकों को एक प्रीमियम फील तो मिलता है, लेकिन इसके दुरुपयोग के कारण यह खतरे का कारण भी बन सकता है।
सनरूफ का गलत इस्तेमाल और कानूनी दायरा
सनरूफ एक सुविधा देने के लिए बनाया गया है, लेकिन कई लोग इसका गलत इस्तेमाल करते हैं। अक्सर लोग चलती गाड़ी में सनरूफ खोलकर अपना सिर या हाथ बाहर निकालते हैं, जो न केवल खतरनाक है बल्कि कानूनन भी गलत है। इस वजह से कई गंभीर सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। भारत में मोटर व्हीकल एक्ट के तहत यह गैरकानूनी है और इसके लिए सजा का भी प्रावधान है।
क्या कहता है मोटर व्हीकल एक्ट?
मोटर व्हीकल एक्ट 1988 (संशोधित, 2019) के तहत गाड़ी में बैठे सभी यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ड्राइवर की होती है। यदि कोई यात्री चलती कार में सनरूफ से सिर या हाथ बाहर निकालता है, तो ड्राइवर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
सेक्शन 184 और 177 के तहत कार्रवाई
मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 184 और 177 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति सनरूफ के माध्यम से अपना सिर या हाथ बाहर निकालता है और इससे दुर्घटना होने की संभावना होती है, तो ड्राइवर पर जुर्माना लगाया जा सकता है। यह नियम सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
कितना है जुर्माना?
अगर कोई व्यक्ति चलती गाड़ी में सनरूफ से सिर या हाथ बाहर निकालता है, तो इसके लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ये दंड दिए जा सकते हैं:
- पहली बार नियम तोड़ने पर ₹100 का जुर्माना लगाया जाता है।
- दूसरी बार या बार-बार उल्लंघन करने पर यह जुर्माना ₹300 तक बढ़ सकता है।
- इसके अलावा, यदि गलती गंभीर पाई जाती है, तो गाड़ी के मालिक और ड्राइवर दोनों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है और उन पर एक्स्ट्रा कार्रवाई की जा सकती है।
सनरूफ के खतरों को न करें नजरअंदाज
सनरूफ के इस्तेमाल के दौरान कई प्रकार की दुर्घटनाएं हो सकती हैं, जिनमें:
- तेज रफ्तार में अचानक ब्रेक लगने से चोट लगना – यदि कोई यात्री सनरूफ से सिर बाहर निकाले हुए है और अचानक कार को ब्रेक लगाना पड़े, तो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो सकता है।
- विद्युत तारों या पेड़ों से टकराने का खतरा – कई बार सड़क किनारे लगे बिजली के तार या पेड़ों की शाखाएं सनरूफ से बाहर निकले व्यक्ति से टकरा सकती हैं, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।
- अन्य वाहनों से टक्कर लगने का खतरा – व्यस्त सड़कों पर सनरूफ से बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि इससे अन्य वाहनों से टकराने की संभावना बढ़ जाती है।
- धूल और प्रदूषण के संपर्क में आना – खुले सनरूफ से बाहर निकलने पर व्यक्ति सीधे प्रदूषण और धूल के संपर्क में आ जाता है, जिससे स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।