Kanpur Expressway: उत्तर प्रदेश में परिवहन सुविधाओं को और अधिक सुगम और तेज बनाने के लिए कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण तेज़ी से जारी है। लगभग 63 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे का 74% काम पूरा हो चुका है। भारतमाला परियोजना के तहत बनने वाला यह एक्सप्रेसवे लखनऊ और कानपुर के बीच की दूरी को तीन से चार घंटे से घटाकर महज 35-40 मिनट कर देगा। यह परियोजना न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास में भी अहम योगदान देगी।
तीन महीने में पूरा होगा निर्माण कार्य
कानपुर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जुलाई तक पूरा करने का लक्ष्य है, लेकिन निर्माण एजेंसी और एनएचएआई (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) का कहना है कि यह परियोजना अगले तीन महीने में पूरी हो सकती है। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सौरभ चौरसिया ने बताया कि अप्रैल या मई तक यह एक्सप्रेसवे पूरी तरह से तैयार हो जाएगा।
लखनऊ से कानपुर की दूरी होगी बेहद कम
इस एक्सप्रेसवे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह लखनऊ और कानपुर के बीच की दूरी को बेहद कम कर देगा। वर्तमान में, लखनऊ से कानपुर की यात्रा में तीन से चार घंटे लगते हैं। लेकिन एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह दूरी केवल 35-40 मिनट में तय की जा सकेगी। यह सुविधा खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद होगी, जो नियमित रूप से इन दोनों शहरों के बीच यात्रा करते हैं।
वाहनों की गति सीमा और सेफ्टी
कानपुर एक्सप्रेसवे पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा होगी। तेज गति के बावजूद, एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा का स्पेशल ध्यान रखा गया है। 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं, जिससे जाम की समस्या नहीं होगी। साथ ही, एक्सप्रेसवे पर लेन मार्किंग और साइनबोर्ड की व्यवस्था भी की जा रही है।
शहीद पथ से बंथरा तक एलिवेटेड रास्ता
इस एक्सप्रेसवे का 18 किलोमीटर लंबा हिस्सा शहीद पथ से बंथरा तक एलिवेटेड होगा। यह डिजाइन ट्रैफिक जाम से बचने और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए तैयार किया गया है। बंथरा से उन्नाव के नवाबगंज तक 45 किलोमीटर का ग्रीन फील्ड रास्ता बनाया जाएगा, जो यात्रियों को एक शानदार सफर का अनुभव देगा।
आठ लेन का आधुनिक एक्सप्रेसवे
शुरुआत में इस एक्सप्रेसवे को छह लेन का बनाने की योजना थी। लेकिन भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इसमें दो और लेन जोड़ दी गई हैं। अब यह आठ लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जो भविष्य में बढ़ते यातायात के दबाव को संभालने में सक्षम होगा।
प्रोजेक्ट की लागत
कानपुर एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल लागत करीब ₹4,700 करोड़ है। यह भारतमाला परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस एक्सप्रेसवे को लखनऊ के शहीद पथ से जोड़कर कानपुर के नवाबगंज तक फैलाया जाएगा। इसे आउटर रिंग रोड से भी जोड़ा जाएगा, जिससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
एक्सप्रेसवे पर पुल और अंडरपास की विशेषताएं
- तीन बड़े पुल: यह पुल नदी और अन्य जलस्रोतों के ऊपर बनाए जा रहे हैं।
- 28 छोटे पुल: ये पुल यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
- 38 अंडरपास: अंडरपास से यात्रियों को सड़कों को पार करने में सुविधा होगी।
- छह फ्लाईओवर: फ्लाईओवर से जाम की समस्या समाप्त होगी और यात्रा तेज होगी।
व्यापार और उद्योग को बढ़ावा
- कानपुर और लखनऊ के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से व्यापारियों को अपने प्रोडक्टों की आपूर्ति तेजी से करने में मदद मिलेगी।
- ग्रीन फील्ड रास्ता नए उद्योगों और व्यापारिक केंद्रों को विकसित करने के लिए प्रेरित करेगा।
पर्यटन और विकास के नए रास्ते
- लखनऊ और कानपुर के बीच बेहतर कनेक्टिविटी से इन शहरों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- यह एक्सप्रेसवे आसपास के ग्रामीण इलाकों के विकास को भी प्रेरित करेगा।
पर्यावरण अनुकूल परियोजना
ग्रीन फील्ड कॉरिडोर और एलिवेटेड सेक्शन पर्यावरण पर कम प्रभाव डालने के लिए डिजाइन किए गए हैं। पेड़ों की कटाई को न्यूनतम रखा गया है और इसके बदले पौधारोपण की योजना बनाई गई है।
यात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं
- एक्सप्रेसवे पर आरामदायक यात्रा के लिए कई सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
- आधुनिक रेस्ट एरिया, टोल प्लाजा, और 24/7 एम्बुलेंस सेवाएं उपलब्ध होंगी।
- यात्रियों के लिए बेहतर साइनबोर्ड और दिशानिर्देश लगाए जाएंगे।