Land Registry: हरियाणा में फरीदाबाद नगर निगम ने गांव के लोगों को लाल डोरे की जमीन का मालिकाना हक देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस पहल के तहत, नंबरदार की रिपोर्ट के आधार पर ग्रामीणों के मकानों की रजिस्ट्री मात्र एक रुपये में करवाई जाएगी। इसके लिए नगर निगम ने सर्वे शुरू कर दिया है, ताकि सही लाभार्थियों की पहचान की जा सके।
स्वामित्व योजना के तहत मिलेगा मालिकाना सर्टिफिकेट
राज्य सरकार की स्वामित्व योजना के तहत इस प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है। इस योजना के तहत, गांव के लोगों को मालिकाना सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा, जिससे उन्हें अपनी प्रॉपर्टी का ऑफिसियल हक मिल सकेगा। सरकार का लक्ष्य मार्च 2024 तक सभी योग्य लाभार्थियों को यह प्रमाण पत्र वितरित करना है।
अब तक नहीं था मालिकाना हक
गांवों में रहने वाले लोग वर्षों से अपने घरों और दुकानों में रहते आ रहे हैं, लेकिन उनके पास किसी प्रकार का मालिकाना दस्तावेज नहीं था। अब इस सर्वे और प्रमाणन प्रक्रिया के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उन्हें उनकी प्रॉपर्टी का कानूनी हक मिल सके।
कौन-कौन इस योजना के पात्र होंगे?
मालिकाना सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए पात्र व्यक्तियों को यह साबित करना होगा कि वे पिछले 10 वर्षों से अपनी प्रॉपर्टी पर काबिज हैं। इसके लिए उन्हें कुछ दस्तावेज जमा करने होंगे, जैसे:
- बिजली बिल
- ड्राइविंग लाइसेंस
- घरेलू गैस कनेक्शन
- अन्य सरकारी दस्तावेज
वेरीफिकेशन के बाद, नगर निगम द्वारा उन्हें मालिकाना हक का सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
मालिकाना हक मिलने के फायदे
- बैंक से लोन मिलने में आसानी – इस सर्टिफिकेट के जरिए लोग अपनी प्रॉपर्टी पर बैंक लोन प्राप्त कर सकेंगे।
- जमीन की खरीद-बिक्री होगी आसान – अब ग्रामीण अपनी जमीन को बेचने या खरीदने में सक्षम होंगे, जिससे प्रॉपर्टी का सही उपयोग हो सकेगा।
- कानूनी सुरक्षा मिलेगी – अब गांव के लोगों को अपनी जमीन को लेकर किसी भी प्रकार की कानूनी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
- राज्य में प्रॉपर्टी का सही रिकॉर्ड होगा – सरकार को गांवों की प्रॉपर्टीयों का सही रिकॉर्ड मिलेगा, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की योजनाएं बेहतर तरीके से बनाई जा सकेंगी।
ग्रामीणों की चिंताएं
हालांकि, इस प्रक्रिया को लेकर कुछ ग्रामीण चिंतित भी हैं। उनका मानना है कि मालिकाना सर्टिफिकेट मिलने के बाद उन्हें गृहकर (Property Tax) देना होगा, जिससे उनके ऊपर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। लेकिन नगर निगम ने स्पष्ट किया है कि:
- 99.99 गज तक के खाली प्लॉट पर कोई गृहकर नहीं लिया जाएगा।
- 100 गज या उससे अधिक क्षेत्रफल वाली प्रॉपर्टीयों पर गृहकर लागू होगा, जो गज के हिसाब से निर्धारित किया जाएगा।
लाल डोरे की जमीन का महत्व
लाल डोरे की जमीन वह होती है, जो गांव की सीमा में आती है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में इसे निजी प्रॉपर्टी के रूप में दर्ज नहीं किया जाता। सालों से गांवों में लोग इन जमीनों पर घर बनाकर रह रहे हैं, लेकिन उनके पास कोई ऑफिसियल दस्तावेज नहीं होते। सरकार की यह पहल उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो अपनी प्रॉपर्टीयों का कानूनी रूप से मालिक बनना चाहते हैं।
स्वामित्व योजना का असर
हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई स्वामित्व योजना ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उनकी जमीन और मकान का कानूनी हक देना है। इससे न केवल प्रॉपर्टी विवादों में कमी आएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
नगर निगम द्वारा सर्वेक्षण की प्रक्रिया
नगर निगम ने इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस सर्वे के तहत:
- प्रत्येक गांव में जाकर प्रॉपर्टीयों की पहचान की जा रही है।
- नंबरदारों और ग्राम पंचायतों से रिपोर्ट ली जा रही है।
- आवश्यक दस्तावेजों की जांच की जा रही है।
- वेरीफिकेशन के बाद पात्र व्यक्तियों को मालिकाना हक का सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है।
गृहकर को लेकर सरकार का रुख
सरकार ग्रामीणों को भरोसा दिला रही है कि इस योजना का उद्देश्य केवल उन्हें उनकी प्रॉपर्टी का कानूनी अधिकार देना है, न कि उन पर एक्स्ट्रा टैक्स का बोझ डालना। इसलिए छोटे प्लॉट्स और मकानों को गृहकर से राहत दी गई है।