Liquor Price: उत्तराखंड सरकार ने नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ ही नई आबकारी नीति लागू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस नीति को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत शराब की कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, इसकी पूरी जानकारी सरकार के ऑफिसियल गजट के आने के बाद स्पष्ट होगी।
नए प्रावधान: MRP से ज्यादा वसूली पर होगी सख्त कार्रवाई
नई नीति के तहत किसी भी शराब दुकान पर एमआरपी से अधिक पैसे वसूलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- यदि कोई दुकान निर्धारित मूल्य से अधिक कीमत वसूलती है, तो उसका लाइसेंस तुरंत असर से निरस्त किया जाएगा।
- डिपार्टमेंटल स्टोर्स में भी MRP लागू होगी, जिससे ग्राहकों को तय दामों पर ही शराब मिल सके।
- इस फैसले से कालाबाजारी पर रोक लगेगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।
धार्मिक स्थलों के पास नहीं खुलेगी शराब की दुकान
उत्तराखंड सरकार ने धार्मिक क्षेत्रों की महत्ता को ध्यान में रखते हुए उनके निकट शराब की दुकानों को बंद करने का फैसला लिया है।
- यह फैसला जनसंवेदनाओं को सबसे ऊपर रखते हुए लिया गया है।
- इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और लोकल लोगों की आस्था को ठेस नहीं पहुंचेगी।
- इस कदम से सामाजिक संतुलन बना रहेगा और शराब की बिक्री पर और ज्यादा कंट्रोल किया जाएगा।
राज्य में शराब बिक्री के नए नियम
नई आबकारी नीति के तहत राज्य में शराब बिक्री के कई प्रावधानों में बदलाव किया गया है।
- उप-दुकानों (आउटलेट्स) को किया जाएगा बंद – अब छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में खुले शराब के आउटलेट बंद किए जाएंगे।
- मेट्रो मदिरा बिक्री व्यवस्था समाप्त – पहले मेट्रो सिटीज की तर्ज पर चलने वाले शराब विक्रय केंद्रों को अब बंद कर दिया जाएगा।
- शराब की दुकानें सीमित संख्या में रहेंगी – इससे सरकार का उद्देश्य अनियंत्रित बिक्री को रोकना और अवैध शराब कारोबार पर लगाम लगाना है।
- नकली शराब की बिक्री पर होगी सख्त कार्रवाई – नई नीति के तहत नकली शराब बेचने वालों के खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है।
शराब पर 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट
उत्तराखंड में स्थानीय शराब उत्पादकों को बढ़ावा देने के लिए नई आबकारी नीति के तहत स्पेशल छूट दी गई है।
- स्थानीय वाइनरी को 15 वर्षों तक आबकारी शुल्क में छूट दी जाएगी।
- इस नीति के तहत केवल उत्तराखंड के निवासियों को ही थोक मदिरा अनुज्ञापन दिया जाएगा।
- इससे स्थानीय व्यापारियों को अधिक लाभ होगा और राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
पर्वतीय क्षेत्रों के लिए विशेष सुविधाएं
उत्तराखंड सरकार ने नई आबकारी नीति में पर्वतीय क्षेत्रों के लिए कुछ खास प्रावधान किए हैं।
- फलों से बनने वाली वाइन को मिलेगा बढ़ावा – राज्य में उत्पादित फलों से वाइनरी इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- मदिरा उद्योग में निवेश को मिलेगा प्रोत्साहन – निर्यात शुल्क में कटौती की गई है ताकि शराब का निर्यात बढ़े और उद्योग को फायदा मिले।
- माल्ट और स्प्रिट उद्योग को विशेष रियायतें – इन उद्योगों को पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित करने पर विशेष छूट और सुविधाएं दी जाएंगी।
- स्थानीय किसानों को होगा लाभ – जिन किसान और बागवानी क्षेत्र के लोगों का व्यवसाय फलों पर आधारित है, उन्हें आर्थिक रूप से अधिक फायदा मिलेगा।
शराब नीति में बदलाव का असर
नई आबकारी नीति लागू होने के बाद शराब की बिक्री और कीमतों पर सीधा असर पड़ेगा।
- राजस्व बढ़ेगा – सरकार को आबकारी विभाग से अधिक टैक्स प्राप्त होगा, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
- अवैध शराब की बिक्री में कमी आएगी – सख्त नियमों के कारण शराब माफिया पर लगाम लगेगी।
- सामाजिक सुधार देखने को मिलेंगे – धार्मिक स्थलों के पास शराब दुकानों की बंदी से सामाजिक वातावरण सुधरेगा।
- स्थानीय व्यापारियों को मिलेगा बढ़ावा – अब बाहरी कंपनियों को राज्य में शराब थोक बिक्री की पर्मिशन नहीं मिलेगी, जिससे लोकल व्यापारियों को अधिक अवसर मिलेंगे।