Dry Day: दिल्ली सरकार ने 3 से 5 फरवरी और 8 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव और मतगणना के मद्देनजर राजधानी में शराब की बिक्री और परोसने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है. दिल्ली उत्पाद शुल्क आयुक्त द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया के दौरान “ड्राई डे” घोषित किया गया है. यह निर्णय दिल्ली की कानून-व्यवस्था बनाए रखने और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है.
ड्राई डे के लिए तय किए गए समय और दिन
अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि 3 फरवरी की शाम 6 बजे से 5 फरवरी की शाम 6 बजे तक यानी मतदान समाप्ति के निर्धारित समय तक, ड्राई डे रहेगा. इसके अतिरिक्त, 8 फरवरी को मतगणना के दिन भी शराब की दुकानें और शराब परोसने वाले प्रतिष्ठान बंद रहेंगे. इन दिनों किसी भी तरह की शराब की बिक्री और परोसने की अनुमति नहीं होगी.
किन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा ड्राई डे?
ड्राई डे का आदेश दिल्ली के सभी शराब बेचने और परोसने वाले प्रतिष्ठानों पर लागू होगा. इसमें शराब की दुकानें, होटल, रेस्तरां, क्लब, और यहां तक कि गैर-स्वामित्व वाले क्लब और स्टार होटल भी शामिल हैं. भले ही इन्हें शराब रखने और आपूर्ति करने के लिए लाइसेंस प्राप्त हो, लेकिन इन दिनों वे किसी भी ग्राहक को शराब परोसने की अनुमति नहीं दे सकेंगे.
ड्राई डे का उद्देश्य
ड्राई डे घोषित करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चुनाव के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो. शराब की बिक्री और खपत पर रोक से मतदान केंद्रों और आस-पास के इलाकों में शांति बनी रहती है. इसके अलावा, यह कदम मतदाताओं को बिना किसी दबाव या व्यवधान के अपना मत देने में मदद करता है.
चुनाव में शराब पर प्रतिबंध का महत्व
चुनाव प्रक्रिया के दौरान शराब पर प्रतिबंध का एक अहम कारण यह है कि चुनावी माहौल में राजनीतिक दल या उम्मीदवार शराब का उपयोग मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कर सकते हैं. ड्राई डे के जरिए इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाई जाती है, जिससे निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव हो सकें.
ड्राई डे का उल्लंघन: क्या हो सकती है सजा?
ड्राई डे के दौरान शराब बेचने या परोसने वाले प्रतिष्ठानों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी. यदि कोई प्रतिष्ठान इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसमें भारी जुर्माना लगाना और लाइसेंस रद्द करना शामिल है.
चुनाव आयोग का समर्थन
दिल्ली सरकार का यह निर्णय चुनाव आयोग की सिफारिश के अनुरूप है. चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि मतदान के दौरान सभी मतदाता स्वतंत्र और निष्पक्ष वातावरण में अपना मत दे सकें. ड्राई डे इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है.
मतदाताओं के लिए संदेश
दिल्ली सरकार और चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और सफल बनाने में सहयोग करें. मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग ईमानदारी से करें और किसी भी प्रलोभन से बचें.
ड्राई डे की प्रक्रिया कैसे काम करती है?
ड्राई डे के दौरान शराब की बिक्री और परोसने की निगरानी के लिए प्रशासन और पुलिस की विशेष टीम तैनात की जाती है. ये टीमें शराब की दुकानों और होटलों की नियमित जांच करती हैं ताकि आदेश का पालन सुनिश्चित किया जा सके.
ड्राई डे का समाज पर प्रभाव
ड्राई डे न केवल चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाता है, बल्कि यह समाज में अनुशासन और शांति बनाए रखने में भी मदद करता है. शराब की बिक्री और खपत पर रोक से हिंसा, झगड़ों और अन्य अप्रिय घटनाओं में कमी आती है.