Ration Scheme: हिमाचल प्रदेश के लाखों उपभोक्ता पिछले तीन महीने से डिपुओं में सरसों तेल का इंतजार कर रहे हैं। सरसों तेल की आपूर्ति में हो रही देरी ने उपभोक्ताओं को परेशानी में डाल दिया है। डिपुओं में तेल न होने के चलते लोग निजी बाजार में ऊंची कीमत पर तेल खरीदने के लिए मजबूर हो रहे हैं।
सरसों तेल होगा महंगा
सरसों तेल की खरीद को लेकर सरकार ने इस बार तीसरी बार टेंडर इन्वाइट किया। ताजा टेंडर में सरसों तेल का न्यूनतम रेट 141 रुपये प्रति लीटर तय हुआ है। यदि सरकार इसे मंजूरी देती है, तो उपभोक्ताओं को फरवरी महीने में तेल 18 रुपये प्रति लीटर अधिक दाम पर मिल सकता है। पिछले साल यह तेल 123 रुपये प्रति लीटर की दर पर मिलता था।
विपक्ष के निशाने पर सरकार
सरकार की ओर से तेल आपूर्ति में देरी के कारण विपक्ष ने इसे एक बड़ा मुद्दा बना लिया है। सरकार पर दबाव है कि वह जल्द से जल्द डिपुओं में तेल उपलब्ध कराए। अक्टूबर के बाद से सरसों तेल की आपूर्ति ठप होने के कारण आम जनता और विपक्ष सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
आखिरी बार अक्टूबर में मिला था तेल
हिमाचल में 19 लाख से अधिक राशन कार्ड धारकों को अक्टूबर में आखिरी बार सरसों का तेल मिला था। कई ग्रामीण इलाकों में तो उपभोक्ताओं को अक्टूबर में भी तेल नहीं मिल पाया। बीपीएल और एपीएल परिवारों को पहले क्रमशः 123 और 129 रुपये प्रति लीटर की दर से तेल मिलता था, लेकिन अक्टूबर के बाद से डिपुओं में तेल गायब है।
पिछला टेंडर 150 रुपये पर हुआ था रिजेक्ट
पिछले टेंडर में सरसों तेल का न्यूनतम रेट 150 रुपये प्रति लीटर तय हुआ था, जिसे सरकार ने अधिक दर होने के कारण मना कर दिया था। इस बार 141 रुपये प्रति लीटर का रेट खुला है, जो पिछले टेंडर के मुकाबले 9 रुपये कम है। फिर भी, यह दर उपभोक्ताओं के लिए महंगी साबित हो सकती है।
सरकार के आदेश का इंतजार
हिमाचल प्रदेश खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम को अब सरकार के आदेश का इंतजार है। निगम के अनुसार, जैसे ही टेंडर को मंजूरी मिलेगी, सरसों तेल की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी। इसके अलावा मुख्य सचिव आरडी नजीम ने भी कहा है कि टेंडर में सबसे कम रेट 141 रुपये प्रति लीटर का ही है।
ई-केवाईसी न करने से 2.65 लाख राशन कार्ड ब्लॉक
प्रदेश में कुल 19.65 लाख राशन कार्ड धारक हैं, लेकिन इनमें से 2.65 लाख कार्ड टेम्पररी ब्लॉक कर दिए गए हैं क्योंकि इन पर ई-केवाईसी नहीं किया गया। हालांकि, सरकार की सख्ती के बाद ई-केवाईसी कराने की प्रक्रिया में तेजी आई है। उम्मीद है कि जल्द ही यह कार्ड अनब्लॉक कर दिए जाएंगे।
चार महीने का कोटा देने की तैयारी
सरकार ने फरवरी में उपभोक्ताओं को चार महीने का कोटा देने की योजना बनाई है। इसके लिए हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम को लगभग 1.20 करोड़ लीटर सरसों तेल की जरूरत होगी। हालांकि, इसे पूरा करने के लिए सरकार को तेजी से निर्णय लेना होगा।
डिपुओं पर सवाल
डिपुओं में तेल की उपलब्धता को लेकर उपभोक्ताओं के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि सरकार को इस मुद्दे पर अधिक ध्यान देना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की समस्या से बचा जा सके।
बाजार में तेल की ऊंची कीमतों का असर
डिपुओं में तेल न मिलने से उपभोक्ताओं को बाजार से तेल खरीदना पड़ रहा है, जहां कीमतें पहले से ही ज्यादा हैं। ऐसे में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों पर ज्यादा आर्थिक बोझ पड़ रहा है।