Ganga Expressway: उत्तराखंड के हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक गंगा किनारे एक भव्य एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है. इस प्रोजेक्ट को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार मिलकर अंजाम देंगे. प्रयागराज से मेरठ तक का निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कराया जाएगा, जबकि मेरठ से हरिद्वार तक का निर्माण उत्तराखंड सरकार करेगी. यह प्रोजेक्ट पश्चिमी उत्तर प्रदेश से पूर्वी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को तेज़ और सुगम यात्रा मार्ग से जोड़ने का एक अहम कदम है.
12 जिलों और 518 गांवों को जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 36,230 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 12 जिलों और 518 गांवों को आपस में जोड़ेगा. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में इसे छह लेन का बनाया जाएगा. जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित करने की योजना है. इसकी चौड़ाई 120 मीटर होगी और इसे 120 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से यात्रा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
हरिद्वार से जुड़ेगा मेरठ और प्रयागराज
उत्तराखंड सरकार की योजना है कि हरिद्वार को मेरठ के जरिए इस एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाए. यदि यह योजना सफल होती है, तो हरिद्वार से प्रयागराज तक यात्रा के लिए सीधा और तेज़ मार्ग उपलब्ध होगा. इसके साथ ही, हरिद्वार को दिल्ली-दून एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे दोनों से जोड़ा जाएगा, जिससे यह प्रमुख पर्यटन और धार्मिक स्थल और भी बेहतर तरीके से देश के अन्य हिस्सों से जुड़ जाएगा.
केंद्र सरकार से सहयोग की मांग
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है. उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि मेरठ से हरिद्वार तक एक्सप्रेसवे के विस्तार में केंद्र सरकार आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करे. उत्तराखंड सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह इस प्रोजेक्ट में हरसंभव मदद करेगी.
गंगा एक्सप्रेसवे से यात्रा होगी आसान
गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के प्रमुख शहरों के बीच यात्रा का समय और दूरी दोनों कम हो जाएगी. यह प्रोजेक्ट न केवल धार्मिक यात्रियों के लिए बल्कि व्यापार और परिवहन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा. तेज़ और सुरक्षित यात्रा मार्ग के कारण लोग इस प्रोजेक्ट का अधिक लाभ उठा सकेंगे.
हरिद्वार को मिलेगा दोहरी सुविधा
हरिद्वार को इस प्रोजेक्ट के जरिए दो एक्सप्रेसवे का लाभ मिलेगा. एक ओर यह दिल्ली-दून एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, तो दूसरी ओर मेरठ के जरिए गंगा एक्सप्रेसवे से. यह दोहरी सुविधा हरिद्वार को न केवल धार्मिक बल्कि व्यापारिक गतिविधियों के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बना देगी.
आर्थिक विकास को मिलेगा प्रोत्साहन
गंगा एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को तेज और सुगम बनाएगा. बल्कि इससे जुड़े क्षेत्रों में आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा. 12 जिलों और 518 गांवों को जोड़ने वाले इस प्रोजेक्ट से रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
निर्माण की प्रमुख विशेषताएं
- लंबाई: प्रयागराज से मेरठ तक 594 किलोमीटर.
- चौड़ाई: 120 मीटर.
- गति सीमा: 120 किलोमीटर प्रति घंटा.
- लागत: 36,230 करोड़ रुपये.
- प्रथम चरण: छह लेन.
- भविष्य की योजना: आठ लेन का विस्तार.
पर्यटन और धार्मिक यात्राओं को मिलेगा बढ़ावा
हरिद्वार और प्रयागराज दोनों ही धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल हैं. गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए इन स्थलों के बीच यात्रा आसान और तेज हो जाएगी. यह प्रोजेक्ट धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देगा और हर साल हजारों श्रद्धालु इस सुविधा का लाभ उठाएंगे.
चुनौतियां और समाधान
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में भूमि अधिग्रहण, पर्यावरणीय प्रभाव और वित्तीय प्रबंधन जैसी चुनौतियां आ सकती हैं. हालांकि, केंद्र और राज्य सरकारें इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. आधुनिक तकनीकों और प्रभावी योजना के जरिए इन चुनौतियों को कम किया जा सकता है.