New Railway Line: राजस्थान सरकार रेलवे कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में अब राजस्थान और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले आगरा-बांदीकुई रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का फैसला लिया गया है।
रेलवे बोर्ड द्वारा इस महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है और इसके तहत सबसे पहले भूमि समतलीकरण का कार्य किया जा रहा है। उत्तर मध्य रेलवे के पंचमुखी से बिवाई खंड तक भूमि समतलीकरण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से अन्य कार्य पूरे किए जाएंगे।
दोहरीकरण से रेलवे कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, राजस्थान से यूपी के बीच रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। गौरतलब है कि बांदीकुई से आगरा तक रेलवे ट्रैक की लंबाई लगभग 151 किलोमीटर है। इस रेलवे ट्रैक का निर्माण 1874 में हुआ था और करीब 150 वर्षों बाद इसका दोहरीकरण किया जा रहा है।
रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य अगले दो सालों में पूरा करने का टारगेट रखा गया है और इसे 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।
1388 करोड़ रुपए का बजट हुआ मंजूर
रेलवे बोर्ड ने राजस्थान से उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली इस परियोजना के लिए 1388 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी है। परियोजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए अब तक तीन चरणों में 300 करोड़ रुपए की वित्तीय मंजूरी दी जा चुकी है।
- पहले चरण में 30 करोड़ रुपए
- दूसरे चरण में 70 करोड़ रुपए
- तीसरे चरण में 200 करोड़ रुपए
यह परियोजना रेलवे नेटवर्क को मजबूत बनाने और रेलवे सेवाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों को जोड़ेगा यह रेलवे ट्रैक
बांदीकुई-आगरा रेल मार्ग राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई प्रमुख शहरों को आपस में जोड़ता है। इस रेलवे लाइन पर फिलहाल 30 जोड़ी सवारी गाड़ियां संचालित की जा रही हैं, जबकि 40 मालगाड़ियां प्रतिदिन इस रेल मार्ग से माल ढुलाई करती हैं।
रेलवे लाइन के दोहरीकरण के बाद इस ट्रैक पर और अधिक सवारी गाड़ियों और मालगाड़ियों को चलाने की संभावना है, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।
दोहरीकरण से क्या होंगे फायदे?
- रेल यातायात होगा सुचारू – दोहरीकरण के बाद ट्रेनों के संचालन में तेजी आएगी और ट्रैफिक जाम की समस्या खत्म होगी।
- मालगाड़ियों की संख्या बढ़ेगी – वर्तमान में 40 मालगाड़ियां प्रतिदिन संचालित होती हैं, दोहरीकरण के बाद यह संख्या और बढ़ सकती है।
- यात्रियों को मिलेगी सुविधा – ज्यादा ट्रेनें चलने से यात्रियों को अधिक ऑप्शन मिलेंगे और यात्रा सुविधाजनक होगी।
- आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा – मालगाड़ियों की संख्या बढ़ने से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
2026 तक परियोजना को पूरा करने का टारगेट
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस परियोजना को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना के पूरा होने से राजस्थान और उत्तर प्रदेश के बीच रेलवे यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी।