राजस्थान में यहां बनेगा नया फोरलेन हाइवे, इन जिलों के लोगों की हो जाएगी मौज Rajasthan Fourlane Highway

Rajasthan Fourlane Highway: अलवर वाया सोडावास बहरोड़ स्टेट हाईवे 14 पर दिन-ब-दिन ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस सड़क पर चलने वाले वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा हो चुकी है कि जाम लगना अब आम बात हो गई है। सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा किए गए ट्रैफिक सर्वे के अनुसार, यह हाईवे मौजूदा ट्रैफिक लोड को झेलने में सक्षम नहीं है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस हाईवे का विस्तार करने का फैसला किया है, जिससे आमजन को राहत मिलेगी और ट्रैफिक समस्या का समाधान हो सकेगा।

भूपेंद्र यादव ने की फोरलेन की घोषणा

अलवर-बहरोड़ वाया सोडावास स्टेट हाईवे 14 पर बढ़ते ट्रैफिक और सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने घोषणा की है कि इस सड़क को दो लेन से फोरलेन में तब्दील किया जाएगा। इसके लिए नए बजट में डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस निर्णय से न केवल ट्रैफिक की समस्या हल होगी, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।

65 किलोमीटर का फोरलेन मार्ग बनेगा

सरकारी सूत्रों के अनुसार, राजमार्ग मंत्रालय ने इस सड़क का विस्तृत सर्वे किया है, जिसमें आमजन की समस्याओं और जनप्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखा गया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने यह निर्णय लिया कि अलवर से बहरोड़ तक का 65 किलोमीटर लंबा मार्ग अब फोरलेन में बदला जाएगा। इससे वाहन चालकों को राहत मिलेगी और यात्रा सुगम हो जाएगी।

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फोरलेन बनने से कम होंगी सड़क दुर्घटनाएं

अलवर वाया सोडावास बहरोड़ स्टेट हाईवे 14 पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सड़क छोटी होने की वजह से यहां अक्सर ट्रैफिक जाम लगता है और दुर्घटनाओं की संख्या भी बढ़ रही है। पिछले कुछ सालों में इस हाईवे पर सैकड़ों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा चुके हैं। दो लेन की इस सड़क को जब फोरलेन में बदला जाएगा, तब वाहन चालकों को बेहतर सुविधा मिलेगी और हादसों में भी कमी आने की संभावना है।

ग्रामीणों में खुशी की लहर

इस निर्णय की जानकारी मिलते ही क्षेत्र के ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई है। लंबे समय से ग्रामीण इस सड़क के चौड़ीकरण की मांग कर रहे थे, क्योंकि आए दिन होने वाले हादसों से उनका जीवन प्रभावित हो रहा था। फोरलेन बनने के बाद लोकल लोगों को यात्रा में आसानी होगी और सड़क सुरक्षा भी बेहतर होगी।

व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को मिलेगा बढ़ावा

फोरलेन बनने के बाद इस हाईवे से गुजरने वाले ट्रक, बस और अन्य वाणिज्यिक वाहनों को भी राहत मिलेगी। यह मार्ग अलवर और बहरोड़ के व्यापारिक केंद्रों को जोड़ता है, इसलिए इसका चौड़ीकरण लोकल व्यापारियों और उद्योगों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। नए हाईवे के निर्माण से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे लोकल युवाओं के लिए भी रोजगार के अवसर बढ़ सकते हैं।

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डीपीआर तैयार होने के बाद होगी प्रक्रिया

सरकारी अधिकारियों के अनुसार, फोरलेन परियोजना के लिए डीपीआर तैयार करने का काम शुरू हो चुका है। एक बार डीपीआर पूरी हो जाने के बाद, निर्माण कार्य के लिए निविदा (टेंडर) जारी की जाएगी। इसके बाद ठेकेदार का चयन कर हाईवे निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी।

परियोजना की संभावित लागत और समयसीमा

हाईवे चौड़ीकरण के लिए कितनी लागत आएगी, इसका अनुमान डीपीआर तैयार होने के बाद ही क्लियर होगा। हालांकि, शुरुआती आकलन के अनुसार, इस परियोजना पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इसे पूरा होने में लगभग 2 से 3 साल का समय लग सकता है।

पर्यावरणीय असर और समाधान

फोरलेन बनने के दौरान पर्यावरणीय प्रभावों को भी ध्यान में रखा जाएगा। सड़क निर्माण में जिन पेड़ों को हटाना पड़ेगा, उनकी भरपाई के लिए सरकार द्वारा नए पेड़ लगाए जाएंगे। साथ ही, हाईवे निर्माण के दौरान धूल और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भी विशेष उपाय किए जाएंगे।

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