Chandra Grahan 2025: पंचांग के अनुसार, इस बार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि पर 14 मार्च 2025 को होली का पर्व मनाया जाएगा। लेकिन इस बार होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) भी लगेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों और धार्मिक गतिविधियों पर पड़ता है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए भारत में इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।
चंद्र ग्रहण 2025 का समय (Chandra Grahan 2025 Date and Time)
चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा तिथि पर लगता है। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च 2025 को सुबह 09 बजकर 29 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 03 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि लगभग 6 घंटे की होगी।
किन देशों में दिखाई देगा साल का पहला चंद्र ग्रहण?
इस बार का चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी प्रभावी नहीं होगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, इटली, पुर्तगाल और अन्य यूरोपीय देशों में देखा जा सकेगा। इन देशों में ग्रहण के वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व को ध्यान में रखते हुए विशेष अनुष्ठान किए जाएंगे।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या न करें?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ चीजें करने से बचना चाहिए:
- पूजा-पाठ से बचें – ग्रहण के दौरान पूजा, हवन या कोई भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए। मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं।
- भोजन का सेवन न करें – इस समय भोजन करना वर्जित माना जाता है। खाने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल देने से भोजन दूषित नहीं होता।
- नुकीली चीजों का इस्तेमाल न करें – ग्रहण के दौरान कैंची, चाकू और सुई जैसी नुकीली वस्तुओं का प्रयोग अशुभ माना जाता है।
- गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी रखें – धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर रहना चाहिए और कोई भी भारी कार्य नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के बाद स्नान करें – ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना चाहिए और गंगाजल से घर- मंदिर में शुद्धिकरण करना चाहिए।
सूतक काल का महत्व और असर
चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। सूतक काल के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद रहते हैं और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है। हालांकि, इस बार चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए सूतक काल का असर भी यहां नहीं होगा।
वैज्ञानिक नजरिए से चंद्र ग्रहण
वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती। यह खगोलीय घटना पूरी दुनिया में वैज्ञानिकों और खगोलविदों के लिए महत्वपूर्ण होती है। कई लोग इस दौरान चंद्रमा का अध्ययन करते हैं और ग्रहण से जुड़ी नई जानकारियां प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
धार्मिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण का असर
हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता। धार्मिक ग्रंथों में इसे अशुभ समय कहा गया है, जिसमें कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। कहा जाता है कि इस दौरान नेगेटिव ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है, जिससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ सकता है।
साल 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण कब लगेगा?
साल 2025 में कुल दो चंद्र ग्रहण लगेंगे। पहला ग्रहण 14 मार्च को होली के दिन होगा, जबकि दूसरा ग्रहण 07 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा के दिन लगेगा।
- दूसरे चंद्र ग्रहण की समयावधि
- यह ग्रहण रात 08 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और देर रात 02 बजकर 24 मिनट तक रहेगा।
- यह ग्रहण भी भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।