Railway Line: लूणी-समदड़ी-भीलड़ी रेलखंड के दोहरीकरण का कार्य अब तेज गति से आगे बढ़ रहा है। इस 273 किलोमीटर लंबे रेलखंड पर चार फेज में दोहरीकरण किया जाना है। इसमें से तीन फेज में पहले ही कार्य शुरू हो चुका है। रेलवे विभाग की ओर से अलग से रेल ट्रैक बिछाने की प्रक्रिया के तहत पहले सफाई का कार्य किया गया और अब अर्थ वर्क (मिट्टी समतल करने) का कार्य तेजी से चल रहा है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद इस क्षेत्र में रेल सुविधाओं का विस्तार होगा और यात्रियों को सुगम सफर का लाभ मिलेगा।
तीन फेज में दोहरीकरण का कार्य जारी
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, लूणी से राखी तक 70 किलोमीटर, मोदरान से कोडी तक 40 किलोमीटर और रानीवाड़ा से भीलड़ी तक 70 किलोमीटर की दूरी पर दोहरीकरण कार्य शुरू हो चुका है। अलग से रेल ट्रैक बिछाने के लिए सफाई के बाद अब अर्थ वर्क का कार्य प्रगति पर है। इसके बाद नदी-नालों पर पुल निर्माण एवं कंक्रीट बिछाने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस चरणबद्ध कार्य से रेल यातायात को सुगम बनाने में मदद मिलेगी।
2027 तक दोहरीकरण कार्य पूरा करने का लक्ष्य
लूणी-समदड़ी-भीलड़ी रेलखंड के दोहरीकरण कार्य को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, भीलड़ी से रामसन तक 26 किलोमीटर और लूणी से समदड़ी तक 50 किलोमीटर का दोहरीकरण कार्य तय समय पर पूरा हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट की निगरानी रेलवे उच्च अधिकारियों द्वारा की जा रही है ताकि यह कार्य समय पर और बिना किसी रुकावट के पूरा हो सके।
300 नदी-नालों पर बनेंगे नए पुल
इस 273 किलोमीटर लंबे रेलखंड में कुल 300 छोटे-बड़े नदी-नाले हैं, जिन पर नए पुलों का निर्माण किया जाएगा। इनमें से 10 प्रमुख नदियों और बड़े नालों पर विशेष पुल बनाए जाएंगे, ताकि रेल ट्रैक का दोहरीकरण सुचारू रूप से किया जा सके। वर्तमान में इस खंड में अर्थ वर्क का कार्य किया जा रहा है, जिसके पूरा होते ही पुल निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। इसके बाद रेल पटरियों को बिछाने के लिए कंक्रीट डाला जाएगा।
रेल सुविधाओं में होगा विस्तार
इस रेलखंड के दोहरीकरण से क्षेत्र के लोगों को कई सुविधाएं मिलेंगी। यात्री रेल सुविधाओं में विस्तार होगा, जिससे लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। साथ ही, पैसेंजर एवं एक्सप्रेस ट्रेनें समय पर अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगी। वर्तमान में इस रेलखंड से रोजाना दो पैसेंजर ट्रेनों के साथ-साथ दो एक्सप्रेस ट्रेनें भी संचालित होती हैं। इसके अलावा, द्वि-साप्ताहिक एवं साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेनें भी इस मार्ग पर चल रही हैं।
समदड़ी-भीलड़ी खंड में हुआ आमान परिवर्तन
गौरतलब है कि समदड़ी-भीलड़ी 223 किलोमीटर रेलखंड का आमान परिवर्तन किया गया था। इस खंड में 2024 में विद्युतीकरण कार्य भी पूरा किया गया है। इससे रेलवे के संचालन में सुधार हुआ है और इलेक्ट्रिक ट्रेनों की आवाजाही सुचारू रूप से हो रही है। दोहरीकरण कार्य पूरा होने के बाद इस खंड पर और अधिक ट्रेनों का संचालन किया जा सकेगा।
रेलवे के बुनियादी ढांचे को मिलेगा नया स्वरूप
रेलवे विभाग इस परियोजना के तहत ट्रैक दोहरीकरण के साथ-साथ आधुनिक सिग्नलिंग सिस्टम भी लागू कर रहा है, जिससे ट्रेनों का संचालन अधिक सुरक्षित और कुशल होगा। इसके अलावा, प्रमुख रेलवे स्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा और यात्री सुविधाओं में भी सुधार किया जाएगा। स्टेशन परिसरों में नई प्रतीक्षालय सुविधाएं, स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था और अन्य यात्री सुविधाओं को भी बेहतर बनाया जाएगा।
रेलवे ट्रैफिक में सुधार और तेज होगी ट्रेन सेवाएं
इस रेलखंड पर दोहरीकरण से रेलवे ट्रैफिक में भी काफी सुधार होगा। वर्तमान में सिंगल लाइन के कारण ट्रेनों को क्रॉसिंग के लिए इंतजार करना पड़ता है, जिससे कई बार विलंब की स्थिति बनती है। दोहरीकरण के बाद ट्रेनों को निर्बाध रूप से संचालन की सुविधा मिलेगी, जिससे यात्रा का समय भी कम होगा और यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी।
लोकल व्यापार और आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
रेलखंड के दोहरीकरण से न केवल यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि इससे स्थानीय व्यापार एवं औद्योगिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्रीय उत्पादों की ढुलाई आसान होगी और व्यापारिक गतिविधियां तेज होंगी। इस परियोजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे, जिससे इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को बल मिलेगा।
पर्यावरणीय संतुलन और हरित ऊर्जा का होगा उपयोग
रेल दोहरीकरण के साथ-साथ पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इस परियोजना में हरित ऊर्जा के उपयोग को प्राथमिकता दी जा रही है। इलेक्ट्रिक ट्रेनों की संख्या बढ़ने से डीजल इंजन पर निर्भरता कम होगी, जिससे प्रदूषण भी कम होगा और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, रेलवे विभाग इस खंड में वृक्षारोपण और हरित पट्टी विकसित करने के लिए भी कदम उठा रहा है।
भविष्य में बढ़ेगी ट्रेन सेवाओं की संख्या
रेलखंड के दोहरीकरण के बाद लंबी दूरी की ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी। रेलवे प्रशासन भविष्य में इस खंड पर नई ट्रेनें शुरू करने की योजना बना रहा है, जिससे यात्रियों को और अधिक विकल्प मिल सकेंगे। खास रूप से दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और जयपुर जैसे प्रमुख शहरों के लिए सीधी ट्रेन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे यात्रियों का समय बचेगा और यात्रा अधिक सुविधाजनक होगी।